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भारत में जब लोकतंत्र नहीं था और ब्रिटिश राज से पहले राजा-महाराजा लोगों का खून चूसते थे तो वो ऐसी-ऐसी अजीबो-गरीब हरकतें करते थे कि आज पकड़ में आ जाएं तो कायदे से बताएं भारत के लोग। अब भई राजा थे तो शौक तो रखेंगे ही। आखिर शौक बड़ी चीज़ है। ऊंचे लोग ऊंची पसंद (बहुत हो गया पान मसालों का विज्ञापन, पैसा भी नहीं दिया है)। तो यहां हम आपको बता रहे हैं ऐसे ही कुछ फितूरी महाराजा और महारानियों के अजीब शौकों के बारे में।
1. जूनागढ़ के महाराज
कहते हैं जूनागढ़ के महाराज के पास कुल 800 कुत्ते थे। और उन सबका अपना-अपना सेवक हुआ करता था। अगर इन 800 में से कोई भी बीमार पड़ जाता था तो उसका इलाज ब्रिटिश सर्जन से करवाया जाता था और यदि किसी भाई-साहब की मौत हो जाए तो एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता था। एक बार उन्होंने अपने 2 प्रिय कुत्तों की शादी पर पूरे 20 लाख रुपये खर्च कर डाले और उस दिन को पूरे राज्य के लिए छुट्टी का दिन घोषित कर दिया। (अगले जनम मोहे .... ही कीजो, पर राजा जी का)
2. अलवर के महाराजा जय सिंह
एक बार महाराजा जय सिंह लन्दन के टूर पर थे। वो साधारण कपड़ों में एक आम आदमी की तरह रॉयल रोयस के शोरूम में गए। वहां के सेल्समैन ने उन्हें एक गरीब भारतीय समझ कर उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया। इस घटना से नाराज़ महाराज अगली बार पूरे राजसी ठाठ-बाठ के साथ वहां गए और एक साथ 10 कारें खरीद डालीं। इन कारों को भारत लाकर उन्होंने उनकी छत हटवा दी और उन सभी कारों को कूड़ा उठाने के काम में लगवा दिया। इस घटना के बाद रॉयल रोयस को आधिकारिक रूप से माफ़ी मांगने पर मजबूर होना पड़ा। (राजा जी बुरा मान गए)
3. महारानी इंदिरा देवी
महारानी ने 20वीं शताब्दी के मशहूर शू मेकिंग कंपनी "Salvatore Ferragamo" को 100 जोड़ी जूतों का आर्डर दिया था जिनमें से कुछ कीमती रत्नों से जड़े हुए थे। (कीमती रत्न? यहां 100 रुपये की चप्पल खरीद लो तो माँ-बाप आँखें दिखाने लगते हैं) इटैलियन शूमेकर "Ferragamo" अपनी किताब में कहते हैं कि महारानी ने उनसे काले वेलवेट पर मोती और डायमंड लगाने की इच्छा ज़ाहिर की थी। (हम ये जूते खाने को भी तैयार हैं)
4. निज़ाम मीर उस्मान अली खां
हैदराबाद के आखिरी निज़ाम मीर उस्मान अली खां दुनिया के पांचवें सबसे बड़े 184.97 कैरट के "जैकब डायमंड" को एक पेपर वेट की तरह इस्तेमाल करते थे। एक समय में निज़ाम दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे। उनका खज़ाना 2 बिलियन डॉलर का था। ये हीरा अब भारत सरकार के अधीन है। (शुक्र है अंग्रेजों के हाथ से कुछ तो बचा)
5. महाराजा स्वामी माधोसिंह 2
महाराज माधोसिंह के पास एक समय दुनिया के 2 सबसे बड़े चांदी के बर्तन हुआ करते थे। इसके लिए उनका नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। इन पतीलों में उनके लन्दन ट्रिप के दौरान गंगाजल भर के ले जाया जाता था। इन्हें 14000 सिक्कों को पिघला के बनवाया गया था। (आज का गंगाजल भर के देखो, बर्तन चिटक न जाएं तो कहना)
6. महाराजा जगजीत सिंह
लक्ज़री ब्रांड लुइ विटन के सबसे बड़े ग्राहक थे कपूरथला के महराज जगजीत सिंह। उनके पास करीब 60 बड़े लुइ विटन के बक्से थे। वो बहुत यात्राएं किया करते थे और इन बक्सों में उनके कपड़े और कीमती सामान हुआ करते थे। ये बक्से वहां-वहां जाते थे जहां-जहां महाराज जाते थे। (बक्से भी रॉयल)
7. महाराजा गंगा सिंह
बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह अपने वज़न जितना सोना गरीबों में बांट दिया करते थे। कहा जाता है एक बार महाराज ने एक बार इतना सोना बांट दिया था कि उसे लादने के लिए उनके पालतू जानवर भी कम पड़ रहे थे। (हमरेउ खातिर छोड़ जाते थोड़ा बहुत)
8. ग्वालियर के महाराज
इनकी मेहमान नवाज़ी के चर्चे बहुत मशहूर थे। इनके पास चांदी से बनी एक टॉय ट्रेन थी जो की शाही दावतों के दौरान लोगों तक सिगार और शराब पहुंचाया करती थी। उन्हें अपनी इस ट्रेन से इतना प्यार था कि हर दावत के बाद इसे लोगों के देखने के लिए प्रदर्शित किया जाता था। (इस इंजन की सीटी पे म्हारो मन डोले)
9. महाराणा सज्जन सिंह
उदयपुर के महाराणा सज्जन सिंह को क्रिस्टल का इतना शौक था कि उन्होंने अपने महल को पूरी तरह से इनसे सजाने की ठान ली। उन्होंने इंग्लैंड की एफ़. एंड सी. ओस्लेर कंपनी को एक पूरे क्रिस्टल कलेक्शन का आर्डर दिया जिसमें पंखे, गिलास, डिनर सेट, टेबल-कुर्सी और परफ्यूम की बोतलें शामिल थीं। उन्होंने शीशे का एक बिस्तर भी बनवाया जो कि एक समय पर दुनिया में इकलौता था। उनके महल को "क्रिस्टल गैलरी" भी कहा जाता है। यह उदयपुर में स्थित है। (इन्हीं के लिए कहा गया है "जिनके घर शीशे के होते...")
10. महारानी सीता देवी
बड़ौदा की महारानी सीता देवी के पास यूरोप से मंगाई गई एक सोने की जीभ्ही थी। (अरे वही जिसका इस्तेमाल सुबह-सुबह जब कोई करता है तो पूरे मोहल्ले को पता चल जाता है) कहा जाता है उनके पास 1000 साड़ियां थीं और हरेक से मैचिंग जूते और हैंडबैग भी थे। साथ ही एक रूबी जड़ित सिगरेट होल्डर भी था। (जीभ के लिए भी सोना)