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इतिहास के पन्ने में कई अजब-गजब चौंकाने वाली घटनाएं दर्ज हैं। अब इस घटना को ही ले लीजिए... एक मुर्गा बिना सिर के जिंदा रहा। आप सोच रहे होंगे कि जब कसाई मुर्गे का सिर काटता है तो कुछ देर गर्म खून की होने की वजह से वह फड़फड़ाता है। लेकिन यह मामला बिल्कुल अलग है। इसे आप चमत्कार ही समझिए कि यह मुर्गा बिना सिर के डेढ़ साल से तक जिंदा रहा। हालांकि कई लोग इसे अब भी कोरी बकवास ही समझेंगे। लेकिन अगर आप इंटरनेट की मदद से इसकी पड़ताल करेंगे तो इस मामले से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्य सामने पाएंगे।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इतिहास में दर्ज यह घटना अमेरिका के कोलोराडो की है। यहां ल्योय्ड ओस्लेन नामक शख्स पॉल्ट्री फॉर्म चलाते थे। 10 सितंबर 1945 में ल्योय्ड और उनकी पत्नी कालरा चिकन काट रही थी। वे मुर्गे का सिर काट कर साइड में रख रहे थे, इनमें से एक मुर्गा सिर कटने के बाद भी जीवित फार्म में घूम रहा था। लेकिन यह बात न तो ल्योय्ड को पता थी और न ही उनकी पत्नी कालरा को। जब उन्हें यह बात उनके ग्रांडसन ने आकर बताई तो दोनों चौंक पड़े। उन्होंने उसे पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह उनके हाथ नहीं आया। ल्योय्ड ने समझा शायद गर्म खून होने की वजह से उसमें जान बाकी है। ल्योय्ड ने सोचा सुबह तक मुर्गा मरा मिलेगा। लेकिन अगली सुबह उसके लिए और हैरानी भरी थी। वह मुर्गा अब भी जिंदा था।
दरअसल, माइक नामक इस मुर्गे को काटने के दौरान ल्योय्ड ने गलती की थी जिससे मुर्गे माइक के सिर का अगला हिस्सा कटा था, लेकिन नसे और एक कान बचा रह गया। इसकी मदद से वह सांस ले पाता था। ल्योय्ड को मुर्गे पर दया आ गई और उसने उसकी जान बख्श दी। इसके बाद वह उसे ड्रॉप के जरिए दूध और मक्का के दाने देने लगा।
जल्द ही ये अजूबा लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया, लोग दूर-दूर से उसे देखने आने लगे। ल्योय्ड एक ऐसी मनोरजंन कंपनी से जुड़ गया जो घूम-घूम कर जानवरों के शो दिखाती थी, इससे ल्योय्ड की अच्छी खासी कमाई होने लगी। इसके बाद वह अखबरों और एक फेमस मैग्जीन ने भी ल्योय्ड का इंटरव्यू और मु्र्गे माइक के फोटो पब्लिश किए। सोचिए उस दौर में मुर्गे की कीमत दस हजार डॉलर लगाई गई थी।
एक दिन शो से लौटते वक्त ल्योय्ड एक मोटल में रुका। अचानक आधी रात को माइक का दम घुटने लगा, मक्का का एक दाना उसके गले में अटक गया था, और ल्योय्ड से अनजाने में खाना खिलाने वाली सिरिंज शो वाली जगह ही छूट गई थी, आखिरकार सिर कटने के डेढ़ साल बाद माइक की मौत हो गई। इसी के साथ इस चमत्कारी मुर्गे की कहानी भी उसी दिन खत्म हो गई।