Home Omg Oh Teri Ki Japan Rail Company Apologises As Train Departs 20 Seconds Early If It Happens In India

जापानी रेल ने बताई 20 सेकेंड की कीमत, यात्रीगण कृपया ध्यान दें

Updated Mon, 20 Nov 2017 03:04 PM IST
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Japan rail company apologises as train departs 20 seconds EARLY, if it happens in India?
- फोटो : demo
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हर चीज की एक कीमत होती है, लेकिन लोग समझते नहीं! जैसे की फिल्म में हीरोइन कहती है- चुटकी भर सिंदूर की कीमत तुम का समझो रमेश बाबू। इस हिसाब से देखा जाए तो इंडिया में हर घर में एक रमेश बाबू मिल जाएगा। घर में ही क्यों, घर के बाहर, गली-मुहल्लों में, दुकानों में, दफ्तरों में, ऑटो, बस और ट्रेन में... ट्रेन से याद आया कि जापानी चुटकी भर सिंदूर वाली बात इतना सीरियसली ले गए कि हर चीज की कीमत बढ़चढ़कर लगाने लगे! अब बताइये जनाब... ट्रेन स्टेशन से 20 सेकेंड पहले छूट गई तो लगे मांफी मांगने। जापानी रेल कंपनी ने बाकायदा ट्वीटर पर स्टेटमेंट जारी कर मांफी मांगी। 

भाइसाब, 20 सेकेंड समय की कीमत जापानी कुछ ज्यादा ही नहीं लगा रहे? भला 20 सेकेंड आता ही क्या है? यहां इंटरनेट का गोला तो 20 सेकेंड से ज्यादा यूं ही घूम जाता है। थाने का दरोगा पूरी बात सुनने के बाद 20 तक हूं... हां तक नहीं बोलता। राह चलते हुए किसी 20 सेकेंड आदमी फालतू में घूर लेता है। यहां तक की पुराना दोस्त कहीं मिल जाए तो 20 सेकेंड से ज्यादा का वक्त तो वह पहचानने में लगा देता है। और ये जापानी है कि पड़े हैं 20 सेकेंड के पीछे। अरे, ये यह बात क्यों नहीं समझते कि समय का पाबंद होने की बात महात्मा गांधी ने हम भारतीयों से कही थी, फिर ये लोग अमल क्यों कर रहे हैं!

करना ही हैं तो कबीर दास के दोहे पर अमल करें, और वह भी ऐसे जैसे कि हम हिंदुस्तानी करते हैं- ''आज करें सो काल करे, काल करे से परसों, इतनी जल्दी का पड़ी है, जीना है बरसों।''

बड़े आए 20 सेकेंड वाले! 

अब बताइये जरा, इन जापानियों के 20 सेकेंड के लिए मांफी मांगने से भारतीय रेल को कितना धक्का पहुंचा होगा। बेचारे अधिकारियों को सोचना पड़ा होगा कि यहां एक हम है जो मेहनत कर-करके लोगों को घंटों की देरी से लेट चलने वाली ट्रेनों की आदत पड़वा रहे हैं, उन्हें सिखा रहे हैं कि ट्रेन रद्द हो जाए तो बिना झल्लाए कैसे गंतव्य तक जाने दवाब झेला जाए। कोहरा है तो ट्रेन के 12-13 घंटे लेट होने की बात स्वघोषित मान लें। पटरी टूट जाए, ट्रेन पलट जाए, 50-100 लोग मर जाएं तो जनता हमसे तब उम्मीद करे कि हम मांफी मांग लेंगे... वह भी खेद के रूप... और गलती रेलवे या ड्राइवर की नहीं मानी जाएगी। घटना को प्राकृतिक माना जाएगा। लेकिन ये जापानी तो ससुरा, सब किए कराए पर पानी फेरे देते हैं। 

भई मानना पड़ेगा जापानियों को... यहां अगर दूल्हा ट्रेन से सफर कर रहा हो तो शादी का मुहूर्त निकल जाए, लेकिन जापानी है कि 20 सेकेंड के लिए ऐसे मरे जा रहे हैं जैसे कि उनके हाथ से कोई अनमोल चीज गिर गई हो।

क्या है माजरा?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टोक्यो से सुकुबा के बीच चलने वाली सुकुबा एक्सप्रेस लाइन ने 20 सेकेंड पहले गाड़ी छूटने पर माफी मांगी है। गाड़ी छूटने का समय सुबह 9 बजकर 44 मिनट 40 सेकेंड था, जो कि 9 बजकर, 44 मिनट 20 सेकेंड पर छूट गई। 

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