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इस रहस्यमयी दुनिया को आप जितना समझने की कोशिश करेंगे दिमाग उतना ही भन्नाने लगेगा। आम बोलचाल में हंसते मुस्कुराते हुए हम दो चेहरे वाले लोगों की बातें करते हैं। मतलब होता है कि हर इंसान के सामने शख्स का व्यवहार बदला बदला रहता है। लेकिन असलियत में जिसके चेहरे होते हैं उसे दूसरे से ज्यादा खुद से दिक्कत होती है। ऐसा दावा किया जाता है कि 18वीं शताब्दी में इंग्लैंड में एक ऐसा व्यक्ति था जिसके दो चेहरे थे।
आप विश्वास करें या न करें लेकिन ऐसा कहा जाता है कि वास्तव में इंग्लैंड में एक शख्स रहता था जिसके चेहरे के पीछे भी एक चेहरा था। इस व्यक्ति का नाम था एडर्वड मोरड्राके। यह दुनिया का इकलौता ऐसा शख्स था जिसके एक नहीं बल्कि दो-दो चेहरे थे।
कहते हैं कि एडवर्ड का दूसरा चेहरा सक्रिय अवस्था में नहीं था लेकिन जैसे ही वो सोने की कोशिश करते थे उनका दूसरा चेहरा जाग जाता था। वह रात भर कान में फुसफुसाता था। साल 1985 में बॉस्टन पोस्ट में एक लेख छपा था, जिसमें एडवर्ड का जिक्र किया गया है। एडवर्ड अपने दूसरे चेहरे से बहुत परेशान थे, क्योंकि इसकी वजह से वह कई कई दिनों तक सो नहीं पाते थे। अपने इलाज के लिए वह डॉक्टर के पास भी गए थे चूंकि उस वक्त की तकनीक इतनी विकसित नहीं हुई थी इसलिए इलाड संभव हो न सका।
1896 की मेडिकल इंसाक्लोपीडिया में एडवर्ड की मेडिकल कंडीशन का जिक्र किया गया है। लेकिन फिर भी इस पर कई सवाल हैं, लोग इसे कहानी ही मानते हैं। इसी कहानी के मुताबिक अपने दूसरे चेहरे से परेशान होकर एडवर्ड ने आत्महत्या कर ली थी।