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वैसे ही दुनियाभर में बहुत कुछ अजब-गजब होता ही रहता है। लेकिन कुछ तो बहुत ही अजीब लगता है। अजीब मतलब ऐसा नहीं कि हमको बुरा लग गया। मतलब समझ रहे हैं न। ऐसा वाला नहीं होता है? कि जो चीज़ आप पहली-पहली बार देखते हैं न तो लगता है बाप रे बाप ई कैसे कर लेता है? लेकिन जो होता है सो होता है। अब मरने के बाद क्या होता है इसपर 10 ऐसे ही तिलमिला देने वाले तरीके नीचे बता रहे हैं। देख लो...
1. पाउडर बना के दफ़नाया जाता है
स्वीडन की एक कंपनी है। मरे हुए आदमी की लाश ले लेती है। फिर उसको फ्रिज़ में डाल के एकदम फ्रॉस्ट करती है। फ्रॉस्ट करने का मतलब एकदम फ्रिज़ में डाल कर बर्फ़ जैसा बना देती है। फिर उसको वाइब्रेटर में डाल के पाउडर बना दिया जाता है। इसके बाद इसका पानी-वानी सब सुखा देते हैं। अब उसको जाली में अच्छे से छान लिया जाता है। छानने से आप जो ज़िंदगी भर पूरे शरीर में मेटल जमा किए हैं न वो सब अलग हो जाता है।
फिर उसको मक्के के आंटे से बने कलश में भर के दफनाया जाता है। एक साल के अंदर जो पूरा कॉफिन है वो कम्पोस्ट हो जाता है। बोलो भला इतना ख्याल है इनको एनवायर्नमेंट का।
2. लाश को हीरे की अंगूठी बना देते हैं
अमेरिका की एक कंपनी है। जो डेड बॉडी ले लेती है। और उसको हीरा बना देती है। डायमंड
भिया डायमंड। फिर चाहे उसको आपके घर वाले यूज कर लें। ऐसा बोलते हैं कि एक आदमी के शरीर में इतना कार्बन होता है कि उससे 50 हीरे तक बनाए जा सकते हैं।
जिसको बेच के एक स्कॉर्पियो खरीद सकते हैं। लाश से मिले कार्बन को पहले प्यूरीफाय करके ग्रेफाइट बना दिया जाता है। उसके बाद सिंथेटिक हीरे में बदल दिया जाता है। जिसको चाहें आप अंगूठी बना के पहन लें या बेच के गाड़ी खरीद लें आपकी मर्ज़ी। वैसे हीरे पर मरने वाले आदमी का नाम भी लिखा जाता है। 2007 में ईबे पर एक हीरा लगभग 1.4 करोड़ में बिका था।
3. लाश को मसालेदार बना के गिद्धों के लिए फेंक देते हैं
तिब्बत में रहने वाले बौद्ध लोग न थोड़े उस टाइप के होते हैं। कि दुनिया मोह-माया है। अब जब आदमी मर ही गया तो क्या बचा। इसको भी किसी भलाई में लगा दो। बस फिर क्या।
लाश को टुकड़ों में काट देते हैं। फिर एक टुकड़ा लेके अलग-अलग बौद्ध उसको पत्थरों से कुचल कर उसमें कुछ आटा और बटर मिला देते हैं। उसके बाद इसे गिद्धों के लिए छोड़ दिया जाता है।
4. लाशों को निकाल के उनके साथ नाच किया जाता है
मेडागास्कर का नाम तो सुने होंगे। एक सनीमा भी आया था। कार्टून जैसा सिनेमा था। अफ्रिकन कंट्री है। वहां एक फ्यूनरल ट्रेडिशन होता है। हर साल।
इसमें लाशों को हर साल जमीन से निकाल के उसको बढ़िया-बढ़िया कपड़े पहिना देते हैं। एकदम सिल्क-विल्क टाइप का। और फिर उसके साथ डांस करते हैं। ये ट्रेडिशन आज का नहीं है। 17वीं शताब्दी से ही चलता आ रहा है। लेकिन अब लोगों ने इसका थोड़ा विरोध करना शुरू कर दिया है।
5. भिखारी को शराब पिलाने की परंपरा
अरे साहब खाना खिला दो। दारु पिलाने की क्या ज़रूरत है? बहुत पहले ब्रिटेन में एक सिन-ईटर को लाते थे। जो लोगों के पाप खाता था। खास करके उस टाइम में स्कॉटलैंड और वेल्स के गांवों में एक आदमी रखा जाता था। जो कि ज्यादातर भिखारी होते थे। इसे लोग सिन-ईटर बोलते थे। मतलब पाप खाने वाला। इस प्रोसेस में मरे हुए आदमी की छाती पर एक ब्रेड का टुकड़ा रखा जाता था।
और फिर लाश के चारों तरफ बियर की एक कप घुमा कर भिखारी को पिने के लिए दे दी जाती और ब्रेड खिला दिया जाता।
6. शान्ति-मीना
र इरान में ज़ोरोस्ट्रीयन फॉलो करने वाले कुछ लोग रहते हैं। ये लोग लाश को थोड़ा घिन्न करके देखते हैं। और कहते हैं कि लाश पर न, राक्षस लोग आ जाएंगे। और फिर दूसरे लोग भी उसके चक्कर में आ जाएंगे। इसलिए वो एक उंचा टावर बना देते हैं। जिस पर लाश को खुल्ले में छोड़ दिया जाता है. जब तक कि वो पूरा खत्म न हो जाए। और फिर बचे हुए हड्डियों को सेंटर में बने कुएं में डाल देते हैं।
इंडिया में भी पारसी लोग इसको फॉलो करते हैं। बमबय जाइएगा न तब वहां देखने को मिलेगा।
7. मौत की तस्वीर
विक्टोरियन लोग अपने मरे हुए रिश्तेदारों की तस्वीर निकलवाते थे।
फिर उसको फ्रेम करवा के अपने ऐसे रिश्तेदारों को भेजते थे?
जो उनसे न मिले हों कभी। वैसे आज कल तो ये हर जगह होने लगा है। मतलब हमारे यहां भी अब तो लोग फोटो-वोटो खिंचवा के रखते हैं याद के लिए। लेकिन उस ज़माने में ये काम बहुत ही महंगा और मुश्किल भी होता था।
8. इंसान है या साबुन
कहते हैं कुछ लोग मरने के बाद साबुन बन जाते हैं। खास करके जो लोग ज्यादा मोटे होते हैं। उनमें ये ज्यादा दिखता है। सोपिफ़िकेशन करके एक प्रोसेस होता है। जिससे शरीर का बचा हुआ जो फैट होता है वो और दूसरे लिक्विड से मिल के लम्प बन जाता है। अमेरिका के एक म्यूजियम में एक औरत की मूर्ती रखी है। जिसको ऐसे ही किसी कब्र से निकाले गए वैक्स से बनाया गया है।
इसे 'The Soap Lady' का नाम दिया गया है।
9. यहां वहां नहीं आसमान में लेजा के
अमेरिका की एक कंपनी है मेमोरियल स्पेस फ्लाइट। ये मरे हुए लोगों के अवशेष को अंतरीक्ष में ले जा के छोड़ने की फैसिलिटी देती है। और ये सर्विस जो है वो भी अलग-अलग है।
चाहें आप उसको स्पेस में हमेशा के लिए छोड़ देना चाहते हैं। या फिर कुछ दिन धरती के चक्कर काटने के बाद वापस ज़मीन पर लाना है। या चांद पर छोड़ देना है। खर्च लेकिन गुरु बहुते लगता है। सो पहिले सोच लेना।
10. जला के खत्म कर देना
दुनिया में बहुत से लोगों को न हिंदू परंपरा भी अजीब ही लगती है। ये क्या जला के खाक़ कर दिया। वैसे कभी-कभी ध्यान से देखिए तो आपको हमको भी ये वाली प्रोसेस थोड़ी अजीब अलग सकती है।
इसमें लाश को लकड़ियों के ढेर पर लिटा दिया जाता है। जिसे चिता कहते हैं। और फिर उसमें आग लगा दी जाती है।
आपके पास भी अगर ऐसी ही और भी कोई कहानी है या किस्सा है. तो बताइए. एकदम मज़ेदार वाला.