देश डिजिटल हो रहा है। कैशलेस हो रहा है। सबकुछ ऑनलाइन कर देना है। अच्छी बात है। लेकिन सिक्योरिटी का क्या? अभी तक तो सिर्फ ख़बरें आ रही थीं कि किसी का ट्विटर अकाउंट हैक हो गया। किसी का ईमेल हैक कर लिया गया। यहां तक तो फिर भी राहत थी। अब लेटेस्ट जो खबर आई है। वो भी सुन लें हुज़ूर।
रविवार को पाकिस्तान के कुछ हैकर्स ने एनएसजी की वेबसाइट हैक कर ली। एनएसजी का मतलब नेशनल सिक्योरिटी गार्ड। देश की सबसे तैयार एंटीटेररिज्म फ़ोर्स है। हैक करने के बाद इस पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ़ अनाप-सनाप चीज़ें लिखी गईं। और दूसरे आतंकी समूह के मेसेज भी डाल दिए गए।
अब ये कब हैक हुआ नहीं पता। लेकिन रविवार को सुबह-सुबह इनको पता चला। जो एनएसजी के ऑफिसर का कहना था कि www.nsg.gov.in को फिर जल्दी से ब्लॉक कर दिया गया। जो कि अभी तक ब्लॉक ही है!
हैकर्स ने अपना नाम 'अलोन इंजेक्टर' बताया। और जैसे-जैसे टेक्स्ट साईट पर डाले गए थे। उसमें ISI और पाकिस्तान के कुछ नारे थे जिससे ये अंदाजा लगाया गया कि ये पाकिस्तान बेस्ड टीम है।
अब नेशनल इनफॉर्मेशन सेंटर है उन्हें ये बताया गया है। अब इसको ठीक करने के लिए काम किया जा रहा है। अच्छा सबसे ख़ास बात। ये कोई पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी कई बार सरकारी वेबसाइट को हैक किया गया है। सरकारी डाटा के हिसाब से 2010-2015 के बीच तकरीबन 1500 वेबसाइट हैक हुई हैं।
पिछले साल ही इंडियन रेलवे की वेबसाइट 'रेलनेट' को अल-क़ायदा ने हैक किया था। और उस पर कुछ मेसेज छोड़ा गया था और बताया गया था कि ये सिर्फ एक डिमोंसट्रेशन है।
अब जब देशभर में कैश ट्रांजेक्शन को ऑनलाइन करने की बात की जा रही है। कैशलेस करने की बात हो रही है। और साइबर सिक्योरिटी की हालत इतनी खराब। तो आप अंदाज़ा लगा लीजिए। क्या कुछ हो सकता है।
डराने की कोशिश नहीं है। सिर्फ आपको बताने की कोशिश है। ताकि जब कभी आपके इलाके में एमपी, एमएलए आएं, प्रधानमंत्री पहुंचें तब आप भी सवाल करें। कैशलेस कर देना तो ठीक है। लेकिन सुरक्षा का क्या?