पुणे का ये परिवार सालों से समाज से नफ़रत, निंदा और बहिष्कार झेल रहा है। इस परिवार की तीन लड़कियां एक बेहद दुर्लभ बीमारी से पीड़ित हैं। ये करोड़ों लोगों में से 1 या 2 लोगों के जीन में ही ये पाया जाता है। और अब इनमें से एक लड़की का पहला बच्चा भी इससे पीड़ित है। उसकी दादी ने उसे नकार दिया है।
5 महीने का ये बच्चा किसी भी आम बच्चे की तरह है पर इसके अन्दर भी अपनी मां और दोनों मौसियों तरह 'वेयर वोल्फ़ डिज़ीज़' से पीड़ित है। उसका पूरा शरीर काले बालों से ढका हुआ है। ऐसा 100 करोड़ में से एक के साथ होता है। इसे 'hypertrichosis universalis' के नाम से जाना जाता है।
इस बच्चे की 22 वर्षीय मां मनीषा संभाजी बहुत दुखी हैं कि उनके बच्चे को भी अब वही सब झेलना होगा जो उनकी बहन सविता 30 और सावित्री 19 को झेलना पड़ा। जब भी मैं अपने आप को शीशे में देखती हूं मुझे बहुत बुरा लगता है और अब मेरा बच्चा भी ऐसा ही महसूस करेगा।
"मुझे और मेरी बहनों को हमेशा ही बंदर, भालू, भूत और न जाने क्या-क्या कह कर चिढ़ाया जाता था। अब मेरे बच्चे को भी सब लोग ऐसे ही परेशान करेंगे। अब चाहे वो जैसा भी हो मैं अपने बच्चे को वैसे ही प्यार करुँगी और उसका ख़याल रखूंगी जैसे मेरी मां ने हम बहनों का रखा। मैं बस ये चाहती हूं कि मेरा बच्चा किसी आम बच्चे की तरह बड़ा हो"।
"हम लोग हमेशा ही घर में बंद रहते थे क्योंकि लोग हमें वैसे स्वीकार नहीं कर पाते थे जैसे हम हैं। मैं बस ये चाहती हूं कि मेरे बच्चे के साथ ऐसा न हो"। अभी तक इस बीमारी का कोई इलाज सामने नहीं आ पाया है। मनीषा और उनकी बहनें हेयर रिमूवल क्रीम का इस्तेमाल करके सबके सामने आती हैं।
मनीषा और उनके पति विट्ठल 30, की शादी पिछले साल मई में हुई थी. ये दोनों ही इस नए मेहमान के आने से काफ़ी खुश हैं। लेकिन विट्ठल की मां इससे बहुत नाराज़ हैं।
मनीषा कहती हैं कि "मेरे पति मेरा हमेशा ही साथ देते हैं पर मेरी सास बिलकुल खुश नहीं हैं। वो कहती हैं कि ये बच्चा बिलकुल भी अच्छा और सुंदर नहीं है और ये बंदर की तरह दिखता है। मुझे इस बात पर बहुत गुस्सा आता है पर मैं कुछ कर नहीं सकती"।
"वो मुझपर दबाव डालती हैं कि मैं अपने बच्चे के लिए वही क्रीम इस्तेमाल करूं जो मैं ख़ुद पर करती हूं। मेरा बच्चा अभी छोटा है उसकी त्वचा अभी बहुत नाज़ुक है। क्रीम इस्तेमाल करने के बाद उसकी त्वचा पर चकत्ते पड़ गए और वो बहुत रोया"।