अक्सर ही हम कई प्री-मेच्योर डिलीवरी के बारे में सुनते रहते हैं, यानी वो बच्चे जो समय से पहले पैदा हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये बहुत कमज़ोर होते हैं और कई बार इनके बचने उम्मीद कम ही होती है। पर आजकल स्वास्थ्य सुविधाएं इतनी बेहतर हो गई हैं कि इन्हें बचा लिया जाता है। जर्मनी से एक चौंका देने वाली ख़बर आई है। यहां एक ऐसी प्री-मेच्योर डिलिवरी सामने आई है जिसे मेडिकल हिस्ट्री में पहली घटना माना जा रहा है। यहां दुनिया की सबसे छोटी यानी वज़न और आकार में सबसे छोटी बच्ची का जन्म हुआ है। और डॉक्टर्स ने उसे बचा लिया है और वो स्वस्थ है।
Emilia Grabarczyk को एक चमत्कार के रूप में देखा जा रहा है। इस बच्ची की लंबाई 8.6 इंच है और वज़न केवल 229 ग्राम। सभी को ये यकीन था कि वो नहीं बच पाएगी पर फिर एक चमत्कार हुआ और उसकी हालत दिन पर दिन सुधर रही है।
डॉक्टर्स ने उसे 'लिटिल फाइटर' का नाम दिया है। बच्ची को गर्भ में सारे तत्व नहीं मिल पा रहे थे जिसकी वजह से उसका विकास रुका हुआ था। इसलिए डॉक्टर्स ने माता-पिता से बात करके 26वें हफ़्ते में ही ऑपरेशन कर डिलिवरी करवाने का निश्चय किया। अगर ऐसा न किया जाता तो एमिलिया की गर्भ में ही मौत हो सकती थी।
एमिलिया को शुरू में छोटे ट्यूब के माध्यम से फ़ीड किया जाता था और नर्सें रुई को चीनी के पानी से भिगोकर उसको चटाती थीं जिससे उसका दर्द कम हो सके। एमिलिया की मां कहती हैं कि उनके लिए ये समय काफी कठिन था पर उसने लड़ने की ठान रखी थी और भगवान ने हमारा साथ दिया। आज सब कुछ ठीक है।