विस्तार
येति(हिममानव) का अस्तित्व एक बार फिर लोगों के लिए बहस का मुद्दा बना हुआ है। इसके पीछे वजह है रिसर्चर्स की टीम को मिले हिमालयन येति के बालों के गुच्छे। शोधकर्ताओं की एक टीम के मुताबिक बालों का यह गुच्छा 40 हजार साल पुरानी प्रजाति वाले पोलर बियर के हैं। वहीं एक दूसरी रिसर्च टीम का कहना है कि ये बाल भूरे रंग वाले भालू के हैं, जो आमतौर पर हिमालय में मिलते हैं।
रिसर्चर ब्रायन स्काइज ने कहा कि उनका मतलब यह कतई नहीं है कि प्राचीन ध्रुवीय भालू हिमालय में मौजूद हैं लेकिन इसकी संभावना है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भूरे भालुओं की उप-प्रजातियां हो सकती हैं। यह ध्रुवीय भालू पृथ्वी पर 40,000 से 1,20,000 वर्ष के बीच पाया जाता था।
एक अन्य ब्रिटिश वैज्ञानिक शोध में भी पता चला है कि हिमालय के मिथकीय हिम मानव 'येति' भूरे भालुओं की ही एक उप-प्रजाति के हो सकते हैं। उन्होंने इन नमूनों के परीक्षण के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है। ब्रायन स्काइज कहते हैं कि इस मिथक का सबसे संभावित स्पष्टीकरण है कि येती ध्रुवीय भालू और भूरे भालू का संकर हो सकते हैं।
क्या और कैसे होते हैं येति
येति, बिग फुट, हिममानव, महामानव, वनमानुष के नाम से भी जाने जाना वाला वह जीव है जो दुनिया के लिए हजारों सालों से एक रहस्य बना हुआ है। नेशनल जियोग्राफी से लेकर डिस्कवरी तक इस पर खोज कर चुके हैं। बावजूद इसके यह रहस्य कोई सुलझा नहीं पाया। माना जाता है कि यह हमेशा घने जंगलों और पहाड़ों में रहता है। जितने लोगों ने भी इसे देखा है वह इसे सामान्य आदमी से लंबा, पूरा शरीर बालों से भरा हुआ, ताकतवर और अजीब-सी गंध लिए, बड़े पैर और चीखने वाला बताते हैं।
येति से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
माना जाता है कि नेपाल, भारत और तिब्बत के हिमालय वाले इलाके इनका घर हैं। येति के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए इसे कम ऊंचाई वाली जगहों पर रहने वाले लंगूर बंदर, तिब्बत के नीले भालू और हिमालय के भूरे भालू जैसा भी बताया गया है। रूस के साइबेरिया इलाके में भी दावा किया जाता है कि यहां के पहाड़ बड़े बाल वाले येतियों का घर हैं।
येति को देखने की पहली रिपोर्ट 1925 में एक जर्मन फोटोग्राफर की तरफ से आई थी। हालांकि, कई नेपाली भी इसे देखने का दावा करते हैं।
1953 में सर एडमंड हिलेरी और तेन्जिंग नोर्गे ने माउंट एवरेस्ट पर बड़े पैरों की निशान देखने की बात कही थी। बाद में सर एडमंड ने येति दिखने की बात का खंडन कर दिया।
2008 में एक जापानी एडवेंचरर ने दावा किया था कि उन्हें बड़े पांवों के निशान मिले हैं जो संभवतः येति द्वारा बनाए गए हैं। पैरों के ये निशान आठ इंच के थे और बिल्कुल इंसानी पैरों जैसे दिख रहे थे।
2010 में चीन के रिमोट एरिया में प्राचीन वुडलैंड्स में मिले एक प्राणी को असली येति करार दिया गया था। लोगों की शिकायत पर बिना बालों वाले इस जानवर को सिचुआन प्रांत से पकड़ा गया था। स्थानीय लोग इसे भालू समझ रहे थे।
Source:?Telegraph