Home Omg Oh Teri Ki Pigeons Took Bullet Train To Win Shanghai Pigeon Race And Won More Than 10 Millions In China

हाय गजब! रेस जीतने के लिए कबूतरों ने पकड़ी बुलेट ट्रेन, 1 करोड़ रुपये भी जीत लिए

टीम फिरकी, नई दिल्ली Updated Sat, 01 Sep 2018 01:25 PM IST
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pigeon race
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विस्तार

कबूतरों की एक रेस आयोजित की गई। सभी कबूतरों ने एक साथ उड़ान भरी। उन्हें सैकड़ों किलोमीटर दूर बनी फिनिश लाइन पर पहुंचना था। मगर बीच रास्ते चार कबूतरों ने बुलेट ट्रेन पकड़ी ली। बाकी कबूतरों को मात देते हुए सबसे पहले मंजिल तक पहुंचे और रेस जीत ली। फिर क्या था, ईनाम के रूप में एक करोड़ से भी ज्यादा रुपये मिले।

यह किस्सा पढ़ने के बाद अजीब जरूर लगे, मगर यह सच है। कहानी में ट्विस्ट यह है कि इन कबूतरों ने जो किया वो अपने दिल नहीं बल्कि दिमाग से किया। उन्हें ऐसा करने के लिए पूरे एक साल तक बकायदा ट्रेनिंग दी गई। 
दरअसल, पूरी कहानी शुरू होती है साल 2016 में। चीन के रहने वाले दो शख्स गोंग और जैंग ने चार कबूतर पाले। इन चारों कबूतरों का पालन पोषण दो जगहों पर किया गया। पहली जगह जो चुनी गई वह हेनान प्रांत के शहर शांइची के करीब मौजूद थी। दूसरी जगह वहां से करीब 750 किलोमीटर दूर शंघाई के पास थी। इन दोनों जगहों पर कबूतरों की परवरिश की गई कि ताकी वे इन जगहों से वाकिफ हो सके। 

जब कबूतरों की ट्रेनिंग पूरी हुई तो गोंग और जैंग ने उन्हें 2017 में आयोजित एक कबूतर रेस में हिस्सा लेने के लिए भेजा। उन्होंने चारों कबूतर प्रतियोगिता के आयोजकों को सौंप दिए। 29 अप्रैल को रेस शुरू हुई। इसमें कई कबूतर शामिल थे। सभी ने एक साथ शांइची से उड़ान भरी। मगर वे चार कबूतर शांइची से उड़ने के बाद एक अन्य स्थान पर पहुंचे, जहां गोंग और जैंग उनका पहले से इंतजार कर रहे थे। दोनों ने कबूतरों को दूध ले जाने वाले एक कंटेनर में बंद किया और बुलेट ट्रेन में सवार होकर ले गए। फिर शंघाई में तैयार किए गए रेस की फिनिश लाइन से थोड़ी ही दूरी पर उन कबूतरों को छोड़ दिया। कबूतर वहां से उड़े और सबसे पहले शंघाई पहुंच गए। इस तरह कबूतरों ने रेस जीत ली। ईनाम के रूप में गोंग और जैंग को 15 हजार डॉलर यानी करीब 1 करोड़ 14 लाख रुपये मिले।

जब रेस में हिस्सा लेने वाले कबूतरबाजों ने पाया कि रेस जीतने वाले चारों कबूतर गोंग और जैंग के ही हैं तो उन्हें शक हुआ। गौरतलब है कि शाइची से शंघाई की सड़क यात्रा कम से कम 8 घंटे में पूरी होती है। कबूतरों को यह सफर पूरा करने में और भी वक्त लग सकता है। मगर बुलेट ट्रेन में सवार होने की वजह से कबूतरों की यात्रा करीब तीन घंटे में ही पूरी हो गई। जैसे ही वे शंघाई पहुंचे, दोनों आदमियों ने बिना स्पीड का ख्याल किए, जल्दबाजी में कबूतरों को उसी वक्त उड़ा दिया और इस तरह वे पक्षी अनुमानित वक्त से काफी पहले पहुंच गए। जांच की मांग उठी। 

जैसे ही दोनों विजेताओं को जांचकी खबर मिली उन्होंने फौरन चारों कबूतरों को मार डाला क्योंकि नियम के मुताबिक रेस में सिर्फ एक साल के कबूतर ही हिस्सा ले सकते थे। मगर गोंग और जैंग के कबूतरों की उम्र उससे ज्यादा थी। यही नहीं, दोनों ने ईनाम में जीती रकम भी वापस कर दी। मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी। दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने तीन साल के लिए उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया। 
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