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अपनी सुविधा के लिए लोग हवाई जहाज से ही यात्रा करना बेस्ट समझते हैं। प्लेन से ट्रैवेल करने में कम समय और आराम से चंद घंटों में आपको अपनी मंजिल दिखाई देती है। लेकिन उस वक्त क्या होगा जब पायलट ये कह कर प्लेन उड़ाना बंद कर दे कि 'मेरी ड्यूटी ओवर, अब मैं नहीं चला सकता प्लेन’ वो भी बिना किसी वजह के, न ही फॉग न स्मॉग।
अमूमन ऐसा होता नहीं है। लेकिन बीते दिनों एक मामला सामने आया जिसमें पायलट ने ’माय टाइम इज ओवर, अब मैं नहीं चला सकता प्लेन’, कहकर प्लेन उड़ाने से इनकार कर दिया। वजह कोई टैक्निकल एरर या फिर स्मॉग होता तो समझ आता। लेकिन अपनी ड्यूटी खत्म होने की घोषणा कर पायलट ने प्लेन बीच में ही रोक दिया। गाड़ी-बस या ट्रेन बीच में थोड़ी देर रुक जाए तो अफरा-तफरी मच जाती है लेकिन सोचिए हवा में उड़ने वालों की क्या दशा हुई होगी जब उन्हें बीच में ही कहीं लैंड करना पड़ा होगा।
पिछले दिनों एयर इंडिया की जयपुर से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट के पायलट ने ड्यूटी आवर्स खत्म होने का हवाला देते हुए, प्लेन उड़ाने से मना कर दिया। चूंकि जयपुर और दिल्ली के बीच की दूरी बहुत ज्यादा नहीं है इसलिए पैसेंजर्स को बाई रोड दिल्ली भेजा गया। कुछ पैसेंजर्स को होटल में रुकवाया गया और बचे हुए पैसेंजर्स को सुबह दूसरी एयरलाइंस से दिल्ली भेजा गया।
जब इस घटना के बारे में 'नागरिक उड्डयन महानिदेशालय' को पता चला तो आधिकारिों ने सफाई देते हुए कहा कि किसी भी पायलट के लिए ड्यूटी आवर्स से ज्यादा उड़ान भरने की इजाजत नहीं है। वैसे ड्यूटी अावर्स से ज्यादा कोई भी व्यक्ति काम नहीं करना चाहता मगर मजबूरी में सभी कर लेते हैं। इस पायलट ने तो अलग ही काम कर दिखाया, अपने ड्यूटी आवर्स का हवाला देकर न जानें कितने पैसेंजर्स को मजबूरी में डाल दिया।
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