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पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने जब नवाज शरीफ को पीएम पोस्ट के लिए नाकाबिल बताया तो दुनिया भर में इसकी चर्चा होने लगी। नवाज की शराफत पर से जब पर्दा उठा तो पाकिस्तान के पोपले सिस्टम के लचर पाए दिखाई देने लगे। हां, नवाज साहब की सत्ताधक्काई से पाकिस्तान को एक फायदा जरूर पहुंचा कि इतिहास में पहली बार ये कहा जाने लगा कि वहां के सुप्रीम कोर्ट में सरकार हटाने का माद्दा है।
लेकिन पाकिस्तानी भी कहा मानने वाले हैं। तुम डाल-डाल तो हम पात-पात की तर्ज पर नवाज शरीफ ने अपने करीबी आदमी को सत्ता की कुर्सी पर बैठा दिया। नवाज शरीफ के हटने के बाद शाहिद खाकन अब्बासी को वहां का अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है, वो सिर्फ 45 दिन तक इस कुर्सी पर रहेंगे। जिन साहब को नवाज की जगह पर लाया गया है वह भी कहां शरीफ हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन पर 220 अरब रुपये के भ्रष्टाचार के मामले की जांच चल रही है।
जिन शाहिद खाकन अब्बासी को नवाज शरीफ के भ्रष्टाचार के चक्कर में लाना पड़ा, उनका दामन खुद करप्शन की कालिख में पुता हो तो ये समझ जाना चाहिए कि पाकिस्तान में स्थिति नहीं बदली, सिर्फ कुर्सी पर बैठने वाले का चेहरा बदल गया है।
अब्बासी ने कुर्सी की शक्ल भी नहीं देखी कि उनके खिलाफ लगे 220 अरब रुपये के घोटाले वाली फाइल के पन्ने पलटे जाने लगे। बताया जाता है कि उन्होंने पाकिस्तान में एलएनजी (प्राकृतिक) गैस के ठेके में हेराफेरी कर अपने खातों को पैसे से भर दिया। हालांकि वो खुद सारे आरोपों को खारिज कर रहे हैं। उनके खिलाफ जुलाई 2015 में आरोप लगे थे जिसकी जांच चल रही है।
आर्मी फैमिली से आने वाले शाहिद खाकन अब्बासी, इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। पिता की मौत के बाद राजनीति में आए, इससे पहले वह अमेरिका और सऊदी में मोटी सैलेरी वाली नौकरियां कर चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रावलपिंडी से चुनाव लड़ चुके हैं, पाकिस्तानी एयरलाइन और कॉमर्स मिनिस्टरी का काम भी संभाल चुके हैं, नवाज के बेहद करीबी लोगों में से एक, बेहद शार्प और तेज माने जाते हैं अब्बासी।