विस्तार
प्यार की छुअन इंसान ही नहीं जानवर भी समझते हैं। स्नेहभरा आमंत्रण हो तो खूंखार जानवर आपके पैर से लिपटकर प्यार करने लगते हैं। इंसान भले ही आपके प्यार को भूल जाए, लेकिन जानवर जिसे एक बार चाह लेते हैं, ताउम्र उसके वफादार रहते हैं। इस गिलहरी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। 2009 में एक उल्लू के हमले से चोटिल हुई गिलहरी लगभग मरने को थी जब एक अमेरिकी महिला ब्रैंटली हैरीसन की उस पर नजर पड़ी। ब्रैंटली ने गिलहरी का इलाज किया और देखभाल की। इस दौरान तीन और गिलहरी- लैरी, करली और मो मौजूद थीं।
उन्होंने गिलहरी का नाम बेला रखा और उसके स्वस्थ्य होने तक अपने पास रखा। जब बेला तंदुरुस्त हो गई तो उसे बाकी तीन गिलहरियों के साथ जंगल में छोड़ दिया। बेला 2010 की बसंत ऋतु तक ब्रैंटली के पास रही थी।
लेकिन करीब सात साल बाद ब्रैंटली के दरवाजे पर एक नन्हीं दस्तक हुई। उन चार गिलहरियों में से एक वापस अपनी मालकिन से मिलने आई थी।
ब्रैंटली ने एक वेबसाइट डोडो को बताया कि बेला किसी के आने के इंतजार में दोनों पैरों पर बैठी थी। किसी को आता न देख बेला डाइनिंग रूम की खिड़की की तरफ एक-दो बार उछली ताकि कोई उसे देख ले। तब से वह हर रोज सुबह आने लगी।
सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह थी कि इस बार बेला जब आई तो उसका एक पैर चोटिल था और वह प्रेग्नेंट थी। यानी एक बार फिर उसे देखभाल की जरूरत थी। ब्रैंटली कहती है कि जिस गिलहरी की उन्होंने देखभाल की, अब उसके बच्चों की करने वाली थीं। यह एक अद्भुत एहसास था।
बेला का अपना
इंस्टाग्राम अकाउंट है और उस पर करीब 4 हजार फोलोवर्स भी हैं। बेला शायद ब्रैंटली की सबसे प्यारी मेहमान हैं, जिसे बदले में बस एक प्यार भरी छुउन और कुछ अखरोट चाहिए होते हैं।
सोर्स-
बोर्डपांडा