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आईफोन सिर्फ मोबाइल नहीं है बल्कि एक स्टैंडर्ड का सूचक है। फटी जींस से अगर आईफोन के 'कटे हुए सेब' वाला लोगो बाहर झांकता दिख जाए तो जींस का फटा होना भी स्टाइल लगता है। वरना लोग आपको आपकी शक्ल से जज करते हैं। सामान्यत आईफोन धारक अपना मोबाइल हाथ में ही पकड़ कर चलते हैं क्योंकि ज्यादातर लोगों को डर होता है कि जेब में पड़े सिक्के फोन के महंगे स्क्रीन गार्ड को खुरच देंगे। गौर करेंगे तो आपको याद आएगा कि आईफोन वाले जैसे ही मॉल के बाथरूम में जाते हैं तो वो वाली सेल्फी जरूर लेते हैं जिसमें ये पता चल जाए कि फोन कौन सा है। लेकिन अब जो खबरें आ रही है उसकी मानें तो आईफोन का यह सारा स्वैग गायब हो सकता है।
मुद्दा ये है कि ट्राई ने एप्पल के कान खींचे हैं। मोबाइल के मामले देखने वाले टेलिफोन रेगुलेटरी अथॉर्टी ऑफ इंडिया ने एप्पल के सामने एक शर्त रखी है और 6 महीने का समय दिया है। अगर वो शर्त नहीं मानी जाती है तो भारत में इस्तेमाल होने वाले आईफोन्स में कोई भी सिम काम नहीं करेगा। यानी कि फोन हो जाएगा डब्बा। किसी खिलौने की तरह इसके फीचर्स तो काम कर सकेंगे लेकिन कॉल करने और रिसीव करने की सुविधा पर लग जाएगा ब्रेक।
शर्त ये है कि एप्पल कंपनी को एक खास मोबाइल एप को अपने एप स्टोर में जगह देनी है। Pesky नाम की मोबाइल एप के नाम पर दोनों के बीच तनातनी है। मोबाइल फोन कंपनी का कहना है कि इस एप्लीकेशन के माध्यम से हमारे ग्राहकों की जानकारी में सेंध लग जाएगी। जबकि सेल्युलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया इस एप को किसी भी तरीके से एप स्टोर तक पहुंचाना चाहता है। मामला पुराना है लेकिन इस बार सेल्युलर एसोसिएशन आर-पार के मूड में है। उनका कहना है कि अगर 6 महीने में मामला रफा-दफा नहीं हुआ तो ट्राई के जरिए नेटवर्क पर दबाव बनवाएंगे कि आईफोन में सिम काम ही न करे।
इस फैसले से भले ही आईफोन वालों को रत्ती भर भी टेंशन नहीं हुई हो लेकिन एंड्रॉयड वालों में खुशी की लहर है। खासकर एमआई वाले तो जश्न मनाने की तैयारी में है। उन्हें इस फैसले के बाद आईफोन वालों का एक बार फिर से मजाक उड़ाने का मौका मिल जाएगा।
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