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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बाघ के साथ तस्वीर बहुत वायरल हो रही है। लोग इस तस्वीर को लेकर तरह-तरह की बातें बना रहे हैं। ख़बरें आ रही हैं कि बाघ का ये बच्चा कहीं लावारिस मिला था और इसे आश्रम में देख-भाल के लिए लाया गया और फिर वन विभाग को दे दिया गया।
लेकिन क्या ये सच है? इससे पहले हम आपको योगी के पशु प्रेम के बारे में बताएंगे।
गोरखनाथ मंदिर की गौशाला में करीब 500 गाय हैं। उनमें से 10 लखनऊ भी लाई गई हैं। इनमें से कुछ का नाम खुद मुख्यमंत्री योगी ने रखा है। कोई गौरी है तो कोई गंगा, कोई यमुना है तो कोई नर्मदा। रोज़ सुबह 05:30 बजे योगी सबसे पहले उठकर इन्हें खाना खिलाते हैं। नाथ पंथ में गाय की सेवा को एक कर्तव्य के रूप में देखा जाता है। यही वजह है कि योगी उनसे बहुत प्रेम करते हैं।
योगी के पास एक पालतू कुत्ता भी है जिसका नाम है कल्लू। ये उनके पास तब से है जब से उन्हें मठाधीश बनाया गया था। हर दिन शाम को लौटने के बाद योगी इसके साथ खेलना पसंद करते हैं।
योगी को उनका बंदर भी बहुत प्रिय है और अक्सर उसे वो अपने साथ ही रखते हैं। ये सारी तस्वीरें असली हैं और इनमें वही जानवर दिखाए गए हैं जो योगी आदित्यनाथ के साथ रहते हैं।
अब आती है उस बाघ के बच्चे की बात। ऐसा कहा जा रहा था कि ये तस्वीर बलरामपुर के तुलसीपुर आश्रम की है। लेकिन ये सब अफवाह है।
असल में ये तस्वीर बैंगकॉक की है। ये थाईलैंड का एक ज़ू है जिसमें टूरिस्ट बाघ के बच्चों को दूध पिलाते हुए तस्वीरें खिंचवा सकते हैं। ये तस्वीर 2010 की है। उस समय योगी आदित्यनाथ एक विष्णु मंदिर के उद्घाटन के लिए थाईलैंड गए थे। उसी दौरान ये तस्वीर ली गयी थी।
इसी के साथ योगी की अजगर और मगरमच्छ के साथ भी एक तस्वीर बताई जा रही थी जो बाद में नकली निकली। वो योगी नहीं बल्कि कोई और ही था।
मुख्यमंत्री बनने की राह में योगी प्रेमियों ने ही ये काम किया है। लेकिन सच भला कैसे छिप सकता है। ये वो कंटेंट है जो व्हाट्सएप के लिए तैयार किया जाता है और लोग बिना सोचे समझे उसे आगे बढ़ाते जाते हैं। लेकिन अगर मेसेज को फॉरवर्ड करने से पहले एक बार ध्यान से पढ़ा जाए तो तस्वीर अपने आप साफ़ हो जाती है।