हमें न इन किस्सों से प्यार-सा हो गया है। लोग जिस अंदाज़ में एकदम पूरे दावे के साथ बात करते हैं। मतलब क्या कहूं। मुझे हंसी भी नहीं आ रही थी। और तो और कुछ तो ऐसे जिनमें न कुछ कहते बन रहा था और ना कुछ समझते। ऐसे ही कुछ किस्से जमा किये हैं यहां आपके लिए। देखिए बेहद मज़ा आएगा। मेरा भारत महान!
एक बड़ा ही जाना-माना किस्सा है। मौर्य राजा थे अशोक। 268 से 232 ई.पू. तक भारत पर शासन किया उन्होंने। इनके पास 9 बेहद ही होशियार लोगों की टीम थी। जो कि एक गुप्त सोसाइटी थी। उसका मकसद था, आम लोगों के फायदे की बात राजा को बताना। और कभी कोई ऐसी चीज़ किसी गलत हाथ में न चले जाए जिससे मानवता को खतरा हो, ऐसी चीज़ों की जानकारी राजा को देना। ऐसा कहते हैं कि ये गुप्त सोसाइटी आज भी कहीं है। मतलब हद्द है भाई किस्से कहानियों का भी। विज्ञान को आखिरी दम तक जब तक लताड़ न दें दम नहीं लेते।
कुछ लोगों का कहना है कि दुनिया का पहला हवाई जहाज़ राइट ब्रदर्स से 8 साल पहले इंडिया में बन चुका था। यह 1895 में शिवकर बापूजी तलपडे ने बनाया था। जो 15000 फीट तक हवा में जा के फिर क्रैश हुआ था क्योंकि उस समय लैंडिंग टेक्नोलॉजी नहीं थी। लेकिन अंग्रेज़ सरकार ने उसे दबा दिया था।
भगत सिंह के जो सपोर्टर रहे हैं या आज भी जो उनके फॉलोअर हैं, उनका कहना है कि गांधी जी चाहते तो भगत सिंह और उनके साथी कॉमरेड जो हैं उनकी फांसी रोकी जा सकती थी। लेकिन गांधी जी ने ऐसी कोई कोशिश नहीं की। कुछ लोग तो इलज़ाम लगाने से भी नहीं चूकते, कहते हैं उन्होंने(महात्मा गांधी) जान-बूझ कर ऐसा करवाया क्योंकि दोनों अलग-अलग तरीके से आज़ादी दिलाना चाहते थे। और गांधी को उनका तरीका पसंद नहीं था। जबकि गांधी के जो फॉलोअर हैं, उनका कहना है कि इन्होंने भगत सिंह के लिए अंग्रेज़ सरकार के सामने अपील की थी।
पी.एन. ओक ने एक किताब लिखी है, ताज महल: द ट्रू स्टोरी। इसमें उन्होंने बताया है कि ताज महल पहले एक शिव मंदिर हुआ करता था। जिसका नाम तेजो महालय था। जो शाहजहां ने जयपुर के महाराजा से हड़प ली थी। और उसने बोला कि आज के बाद कोई भी गुम्बद या टोम्ब जो है वो मंदिर नहीं कहलाएगा। खैर, यहीं एक और बात बता दूं ये वही महानुभाव हैं, जिन्होंने ये क्लेम किया था कि वैटिकन सिटी भी एक हिन्दू मंदिर हुआ करता था। और इसका नाम वाटिका के नाम पर रखा गया है। वैटिकन सिटी एक तरह से समझ लो ईसाइयों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है।
ये तो मतलब अखंड वाला है। ज्ञान देने वाले बाबा ज्ञानी ये वाला भी ज्ञान दे गए। कहते हैं, मदर टेरेसा अमेरिकी सीक्रेट एजेंट थीं। उनको अमेरिका ने जासूस बना के इंडिया भेजा था। जिससे इंडिया पर सोवियत संघ के प्रभाव को रोका जा सके। उस समय सोवियत संघ खत्म नहीं हुई थी। और वो एक एजेंट हैं ये छुपाने के लिए उन्होंने गरीबों की सेवा का बहाना बनाया था। मेरी हंसी इसपर रुक ही नहीं रही। कितने ख़तरनाक लोग रहते हैं भिया हमारे आस-पास।
ऐसा कहा जाता है कि 1965 में अमेरिकी सीक्रेट सर्विस सीआईए के लोगों ने इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी छोटी नंदा देवी पर एक न्यूक्लियर डिवाइस लगाने का प्लान बनाया। लेकिन जब टीम उसे वहां लगाने पहुंची तब मौसम खराब हो गया था। टीम को डिवाइस छोड़ कर वहां से निकलना पड़ा। और जब मौसम बाद में सुधरा तो वो फिर वापस लौटे। लेकिन उन्हें उस डिवाइस का कुछ पता नहीं चला। और आज तक किसी को पता नहीं, उसका हुआ क्या!
साल 2000 में जब अज़हरुद्दीन को मैच फिक्सिंग केस में दोषी पाया गया था। तब लोगों को कहना था कि मामला इतना सीधा नहीं है। इसके पीछे और भी बड़े लोगों का हाथ था। बाद में जब तहलका पत्रिका ने इस पर इन्वेस्टीगेशन किया था, तब मनोज प्रभाकर ने बताया था कि इसमें कपिलदेव भी थे। लेकिन टीम के बाकी खिलाड़ी टीम में उनकी हैसियत और पहचान की वजह से चुप रह गए।
2004 में सुनामी आई थी। इंडिया, श्री लंका और इंडोनेशिया में बहुत लोगों की मौत हुई थी। कुछ इजिप्टियन और मिडिल इस्टर्न जो मीडिया हैं उनका कहना कुछ और ही था। उनका कहना था कि इंडिया, अमेरिका और इज़रायल मिल कर जॉइंट अंडर वाटर वेपन टेस्ट कर रहे थे। जिससे इतनी भयानक तबाही हुई थी। और ये बात छिपा ली गई। अब क्या कहें इन्हेें, आप ही बताएं।