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फांसी देने से पहले कैदी के कान में क्या फुसफुसाता है जल्लाद, नहीं जानते होंगे ये बात

टीम फिरकी, नई दिल्ली Updated Fri, 07 Sep 2018 03:39 PM IST
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Hanging in Jail
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विस्तार

आपने फिल्मों में वो सीन तो देखा ही होगा जिसमें जल्लाद कैदी को फांसी देता है, लेकिन क्या कभी आपने ये नोटिस किया है कि जल्लाद फांसी देने से पहले कैदी के कान में क्या कहता है? हो सकता है कि आपने फिल्मी पर्दे पर ऐसा होते बिलकुल न देखा हो लेकिन असल जिंदगी में तो ऐसा ही होता है।  

आज आपको फांसी से जुड़े कुछ ऐसे ही रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे जिसके बारे में आपको शायद पता भी नहीं हो। दरअसल, फांसी के समय के लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं जिनमें से फांसी का फंदा, फांसी देने का समय, फांसी की प्रकिया आदि शामिल हैं। भारत में जब किसी अपराधी को फांसी होती है तो जल्लाद कैदी को फांसी देने से पहले उसके कान में कुछ कहता है और इसके बाद ही अपराधी को उसके किए की सजा फांसी के रूप में दी जाती है। पर ये सवाल आपके मन में उठना लाजमी है कि आखिर कैदी के कान में ऐसी क्या बात बोलता है जल्लाद? 

तो चलिए जरा डिटेल में हम आपको बताते हैं। सबसे पहले आपको बताना चाहेंगे कि भारत में केवल दो ही जल्लाद हैं। इन्हें सरकार द्वारा कैदियों को फांसी देने की सैलरी भी दी जाती है। इस काम को करने के लिए बहुत बड़ा कलेजा चाहिए, किसी को अपने हाथों से मौत के घाट उतारना सच में अपने आप में बहुत बड़ा काम है। आम इंसान को फांसी देने के लिए सरकार इन जल्लादों को 3000 रुपया देती है जबकि किसी आतंकवादी को फांसी देने के लिए यह रकम बढ़ा दी जाती है। आपको ये बात शायद ही पता होगी की इंदिरा गांधी के हत्यारों को फांसी देने वाले जल्लाद को सरकार द्वारा 25000 रुपये दिए गए थे।

बता दें, भारत में संविधान सर्वोपरी है। अगर कोई व्यक्ति इसके खिलाफ जाता है तो सविंधान के अनुसार उस व्यक्ति के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाती है। इसके लिए अलग से भारतीय दंड संहिता बनाई गई है जिसमें हर जुर्म की सजा का उल्लेख किया गया है। यदि कोई व्यक्ति किसी का कत्ल करता है तो उसको सजा-ए-मौत यानि की फांसी की सजा या उम्र कैद की सजा सुनाई जाती है। 

दरअसल, फांसी देने के कुछ क्षण पहले जल्लाद अपराधी के कान में माफी मांगता है और कहता है कि 'मुझे माफ कर दो भाई, मैं मजबूर हूं' यदि मरने वाला व्यक्ति हिन्दू हो तो जल्लाद उसको राम-राम बोलता है। वहीं अगर मरने वाला व्यक्ति मुस्लिम हो तो जल्लाद उसको आखिरी सलाम बोलता है। साथ ही जल्लाद उनसे कहता है कि 'मैं सरकार के हुकुम का गुलाम हूं इसलिए चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता।' बस इतना कह कर ही वह फांसी का फंदा खींच देता है। 

फांसी से जुड़ी एक रोचक बात ये भी है कि भारत में जितने भी अपराधियों को फांसी की सजा दी जाती है, उन सब के लिए बिहार की बक्सर जेल में ही फंदा तैयार कराया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां फांसी के फंदे की मोटाई को लेकर भी मापदंड तय किए गए हैं। जी हां, फंदे की रस्सी डेढ़ इंच से ज्यादा मोटी रखने के निर्देश हैं। यहां तक कि इस फंदे की कीमत भी काफी कम रखी जाती है। दस साल पहले फांसी का फंदा 182 रुपए में जेल प्रशासन को उपलब्ध कराया गया था। तो अब आप जान गए ना कि क्या कहता है जल्लाद? 

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