महिलाएं भेदभाव की शिकार होती आई हैं इस बात में कोई दो राय नहीं है। लेकिन महिलाओं ने ही बड़ी मेहनत और मुश्किल से अपना हक हांसिल किया है। हम साल 2019 में जी रहे हैं और अभी भी कहीं ना कहीं महिलाओं को असमानता का शिकार होना पड़ता है। हालांकि कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं जिन्हें देख बाकियों को भी हिम्मत मिलती है। हाल ही में न्यूजीलैंड में हुए बम धमाके के बाद वहां की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न अपने काम को लेकर काफी चर्चा में हैं। उन्होंने अपने राजनैतिक और निजी जीवन में ऐसी कई काम किए हैं, जिन्हें लोग मिसाल की तरह पेश करते हैं।
क्राइस्टचर्च की मस्जिद में हुए आतंकी हमले में जिस तरह वो पीड़ितों के परिजन के साथ खड़ी हुईं उसकी दुनिया ने भर में काफी तारीफ हुई। इस हमले की कड़ी निंदा की और ये सुनिश्चित किया कि देश में बंदूक से जुड़े कानून बदलेंगे।
37 साल की उम्र में पितृसत्ता को बेकार बताते हुए देश की प्रधानमंत्री बनीं। ऐसा करने वाली वो दुनिया की सबसे युवा महिला राजनेता भी बनी।
ब्रेस्टफिडिंग को सामान्य बनाने के लिए भी न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री ने खूब चर्चाए की हैं। बेटी के पैदा होने के दस दिन बाद ही उन्होंने एक फेसबुक लाइव वीडियो में इसके ऊपर बातचीत की और साथ ही साथ नए मां-बाप और परिवार के लिए अपनी पॉलिसी का प्रस्तावित की।
जेसिंडा एलजीबीटीक्यू समुदाय की समर्थक हैं। वो न्यूजीलैंड की पहली प्रधानमंत्री हैं, जिसने प्राइड परेड में हिस्सा लिया।
जहां बड़े-बडे नेता अपनी छवि के लिए हमेशा सजग रहते हैं और खासकर निजी जीवन के बारे में बातें नहीं करते वहीं जेसिंडा अर्डर्न अपने पार्टनर क्लार्क गेफोर्ड के साथ पिछले 6 साल से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही हैं।
उनकी मेहनत का नतीजा है कि जेसिंडा को फोर्ब्स ने विश्व की 13वीं सबसे ताक़तवर महिला राजनेता कि लिस्ट में शामिल किया है।