Home Omg Priyanka Gandhi Robert Vadra Money Laundering Case

लाइट, कैमरा और एक्शन... अब ये नई और दिलचस्प ‘फिल्म’ देखिए...

अतुल सिन्हा Published by: गौरव शुक्ला Updated Wed, 06 Feb 2019 08:18 PM IST
विज्ञापन
priyanka gandhi
priyanka gandhi - फोटो : Social Media
विज्ञापन

विस्तार

दो दिनों तक चली ममता की फिल्म का ‘द एंड’ होने के साथ ही नई फिल्म की पटकथा पर अब जमीनी काम शुरू हो चुका है। इस फिल्म के केन्द्र में भी जांच एजेंसियां हैं, आरोपी पात्र हैं, एक नई नायिका हैं और सियासी घेरेबंदी की वो तमाम तिकड़में हैं जो आपको पिछली फिल्म में भी दिखी थीं। ऐसी कई फिल्मों की पटकथाओं पर एक के बाद एक काम तेज हो चुका है और हर पात्र बहुत संजीदगी के साथ मैदान में अपनी अपनी भूमिकाओं में लगा है।

कांग्रेस दफ्तर में मंगलवार को ही हनुमान जी का नाम लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की नेमप्लेट पर कीलें ठोंक दी गई हैं। लंदन से मैडम लौट आई हैं और अब जंग में उतरने को तैयार हैं। दोनों ने अपनी अपनी कुर्सियां संभाल ली हैं। इधर ईडी अपने काम में लग गया है। प्रियंका के लिए पति पर लग रहे आरोपों के बीच उन्हें हिम्मत बंधाने और बेदाग साबित करवाने की भी बड़ी जिम्मेदारी है और पार्टी को इस चुनाव में फिर से मज़बूती से खड़ा करना सबसे अहम काम है। इसलिए पहले वो पति को पूछताछ के लिए पेश होने ईडी के दफ्तर तक छोड़ती हैं, फिर पार्टी की जिम्मेदारी संभालने कांग्रेस दफ्तर पहुंचती हैं।
 


चौतरफा हमलों और बेहद नाज़ुक सियासी हालात के बीच प्रियंका के लिए खुद को जनता के सामने मजबूती से पेश करना और चुनाव में मोदी-योगी-शाह की तिकड़ी को टक्कर देना कम बड़ी चुनौती नहीं है। उनकी छवि को जिस तरह पेश किया जाता रहा है और जितनी उम्मीदें कांग्रेसियों ने और खासकर राहुल गांधी ने उनसे बांध रखी हैं, उसे वो हकीकत में कैसे तब्दील करती हैं, इसपर सबकी निगाह है।

रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ज़मीन खरीद के मामले के साथ साथ अब मनी लांड्रिंग का जो मामला आया है और लंदन में 7-8 बेनामी संपत्तियां खरीदने के आरोप लगे हैं, उसे लेकर ईडी की उनसे इस चुनावी वक्त में की जा रही पूछताछ पर सियासत तेज होना स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अपनी चुनावी रैलियों में लगातार सोनिया, राहुल और रॉबर्ट वाड्रा को बार बार अपराधी घोषित करते रहे हैं, उन्हें जमानत पर बताते रहे हैं और उनकी सही जगह जेल में बताते रहे हैं उससे ये बात तो आसानी से समझी जा सकती है कि भाजपा के लिए इस चुनाव में कांग्रेस को रोकने के लिए यह सबसे बड़ा हथियार है। और इस हथियार का इस्तेमाल बेशक सीबीआई या ईडी के ज़रिये ही हो सकता है। जाहिर है, इस खेल को कांग्रेस भी अच्छी तरह समझती है और प्रियंका को फोरफ्रंट पर लाकर उसने इन चुनौतियों का सामना करने की पूरी तैयारी भी कर रखी है।

अब इस पटकथा में नए नए सिक्वेंस और सीन गढ़ने की तैयारी दोनों तरफ से हो चुकी है। महासचिव बनाए जाने के ऐलान के करीब दो हफ्ते बाद भारत लौटी प्रियंका गांधी अब कितनी जल्दी मैदान में उतरती हैं, कितने आक्रामक और धुआंधार तरीके से अपना अभियान चलाती हैं, इसका सबको इंतजार है। अगले हफ्ते से प्रियंका लखनऊ और फिर पूर्वी उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों में नए तेवर के साथ उतरने वाली हैं। दूसरी तरफ भाजपा की रणनीति है कि वाड्रा के बहाने प्रियंका पर ऐसे मनोवैज्ञानिक दबाव बना दिए जाएं जिससे उनके अभियान और रणनीति पर काबू पाया जा सके। लेकिन कई बार ऐसे कदम और दबाव विरोधियों की आक्रामकता को और बढ़ा देती है, खासकर तब जबकि वक्त कम हो और रास्ता मुश्किल और लंबा। लेकिन इस बार यह फिल्म सबके लिए बेहद दिलचस्प होने जा रही है। इंतजार कीजिए।


विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree