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अंतिम संस्कार के बाद जिंदा घर लौटा मृत शख्स, परिजन भी हुए हैरान

टीम फिरकी, नई दिल्ली Published by: संकल्प सिंह Updated Fri, 28 May 2021 11:32 AM IST
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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : social media
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इन दिनों राजस्थान के राजसमंद जिले की एक घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। घटना कुछ ऐसी है, जहां पर एक शव को अपना परिजन समझ घर वालों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया। वही शख्स जब एक सप्ताह बाद सही सलामत अपने घर पर लौटा, तो उसे देख परिवार वालों के होश उड़ गए। ये घटना इन दिनों देश-विदेश में खूब सुर्खियां बटोर रही है।
मामला राजसमंद जिले के कांकरोली गांव का है। ओंकार लाल जिसकी उम्र 40 साल की थी, उसे शराब की बुरी लत लगी हुई थी। लीवर में उसको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अपने लीवर का इलाज कराने के लिए उसने किसी को बिना बताए उदयपुर जाने का निर्णय लिया और वहां जाकर एक अस्पताल में भर्ती हो गया। उसी दिन मोही इलाके के रहने वाले गोवर्धन प्रजापत को भी उसी अस्पताल में भर्ती किया गया।
गोवर्धन प्रजापत की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। इस कारण उसके शव को मुर्दाघर में रखा गया। वहीं दूसरी तरफ परिजन और गांव वाले ओंकार लाल की खोजबीन करने लगे, जब उसके बारे में कुछ पता नहीं चला तो उन्होंने पुलिस थाने में जाकर ओंकार लाल की गुमशुदगी के बारे में बताया। इसके बाद पुलिस टीम ओंकार लाल की तलाश में जुट गई।
घटना पर कांकरोली थाना प्रभारी योगेंद्र व्यास ने बताया कि तफ्तीश के दौरान उन्हें अस्पताल के अधिकारियों से एक पत्र मिला, जिसमें इस बात का उल्लेख था कि अस्पताल के मुर्दाघर में तीन दिनों से एक लावारिश शव पड़ा हुआ है। इस शव को कोई लेने नहीं आया है। इस जानकारी के मिलते ही गांव से कुछ लोग अस्पताल पहुंचे और शव की पहचान की और उसे ओंकार लाल का शव बताया।
इसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम किए उस शव को ओंकार लाल के घर वालों को सौंप दिया। शव को ओंकार लाल का समझ परिजनों ने उसका नियम क्रिया से अंतिम संस्कार किया। वहीं घटना में उस वक्त रोमांच आ गया, जब शव का अंतिम संस्कार होने के बाद ओंकार लाल इलाज कराकर अपने घर पर लौटा। ओंकार लाल को देख परिजनों के होश उड़ गए। वे खुद पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे। स्थिति जब सामान्य हुई तो पता चला कि परिजनों से एक भारी चूक हुई थी। वे किसी दूसरे व्यक्ति का शव ले आए थे और उसका अंतिम संस्कार किया था। परिजन ओंकारा लाल को जिंदा देख काफी खुश हैं। 
घटना पर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ ललित पुरोहित ने बताया कि नर्सिंग और मुर्दाघर के बीच ठीक ढंग से तालमेल ना होने के चलते ऐसा हुआ। हम लोग इस मामले की जांच कर रहे हैं और आगे उचित कार्रवाई भी की जाएगी।
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