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Science Fact: केवल कबूतरों से ही क्यों भिजवाई जाती थी चिट्ठियां? बेहद दिलचस्प है इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

टीम फिरकी, नई दिल्ली Published by: ज्योति मेहरा Updated Sun, 05 Jun 2022 05:17 PM IST
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Science Fact: केवल कबूतरों से ही क्यों भिजवाई जाती थी चिट्ठियां?
Science Fact: केवल कबूतरों से ही क्यों भिजवाई जाती थी चिट्ठियां? - फोटो : istock
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Science Behind the Mystery: जिस तरह आज हम किसी का भी हाल चाल बड़ी आसानी से जब मन चाहे ले सकते हैं, ऐसा पहले नहीं था। बल्कि पहले हमसे दूर रहने वाले लोगों से बात करना या कोई सूचना पहुंचाना बेहद मुश्किल काम होता था। वहीं आज का वक्त इतना डिजिटल हो गया है कि आप तुरंत ही लोगों को वीडियो कॉल करके उनसे फेस-टू-फेस बात कर सकते हैं। इससे थोड़ा पीछे जाएं तो इस डिजिटल मोबाइल और वीडियो कॉल के वक्त से पहले हमारे घरों में डायलर वाले फोन हुआ करते थे। उससे भी थोड़ा पीछे जाएं तो इससे पहले मेल और उसके भी जाएं तो डाकियों के द्वारा चिट्ठियां भेजी जाती थी। चिट्ठियों के जरिए हम अपने दूर रह रहे दोस्त और रिश्तेदारों से बातें करते थे। अगर हम डाकिया के जमाने से भी पीछे जाएं तो आपने जरूर सुना होगा कि डाकिये से पहले चिट्ठियां कबूतर के जरिए भेजी जाती थी। 

कबूतर के जरिए ही क्यों भेजी जाती थीं चिट्ठियां?
ये बात सही है कि पहले के जमाने में लोग अपनी सूचना दूसरे तक पहुंचाने के लिए कबूतर की मदद लेते थे। कबूतर के जरिए ही पहले चिट्ठियां एक जगह से दूसरी जगह भेजी जाती थी। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि आखिर सिर्फ कबूतर को ही इस काम के लिए क्यों चुना जाता था। ये काम किसी और पक्षी को से क्यों नहीं करवाया जाता था?

इसके पीछे है बड़ा वैज्ञानिक कारण
अगर आपको इसके पीछे के कारणों के बारे में नहीं पता तो परेशान होने की जरूरत नहीं है, आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल, चिट्ठियां पहुंचाने के लिए कबूतर के इस्तेमाल के पीछे एक बहुत बड़ा वैज्ञानिक कारण है। आपको जानकर हैरानी होगी कि कबूतर के शरीर में ऐसी एक फंक्शनैलिटी है जो कि उसके लिए जीपीएस की तरह काम करता है।

इसकी मदद से कबूतर कभी भी अपना रास्ता नहीं भूलता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक कबूतरों में रास्ता खोजने के लिए मैग्नेटो रिसेप्शन स्किल भी पायी जाती है। ऐसे में कबूतर अपनी मंजिल आसानी से ढूंढ लेते हैं। इसके अलावा कबूतर में 53 विशिष्ट कोशिकाएं पाई जाती हैं, जो उसके लिए दिशा सूचक का काम करती हैं।

कबूतर में हैं ये खासियतें
वहीं कबूतर की आंखों की रेटिना में खास तरीके का प्रोटीन भी पाया जाता है। अब आपको इस सवाल का जवाब मिल गया होगा। यही कारण है कि पहले के जमाने में चिट्ठियां पहुंचाने के लिए केवल कबूतर का ही इस्तेमाल किया जाता था। 

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