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HPAIV Virus: अंटार्कटिका में पहली बार मिले ये जानलेवा वायरस, वैज्ञानिकों ने बताया खतरनाक

फिरकी टीम, नई दिल्ली Published by: धर्मेंद्र सिंह Updated Tue, 27 Feb 2024 05:44 PM IST
सार

वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में पहली बार एक घातक बर्ड फ्लू की खोज की है। अंटार्कटिक में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (HPAIV) की उपस्थिति की पुष्टि ने चिंता बढ़ा दी है। 

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अंटार्कटिका में पहली बार मिले ये जानलेवा वायरस
अंटार्कटिका में पहली बार मिले ये जानलेवा वायरस - फोटो : iStock
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विस्तार

HPAIV Virus: दुनिया की अलग-अलग जगहों पर वैज्ञानिक अक्सर नए-नए वायरस की खोज करते हैं। अब इस बीच वैज्ञानिकों ने एक ऐसे वायरस की खोज की है, जिसने दुनिया को डरा दिया है। वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में पहली बार एक घातक बर्ड फ्लू की खोज की है। अंटार्कटिक में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (HPAIV) की उपस्थिति की पुष्टि ने चिंता बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों ने पारिस्थितिक आपदा की आशंका जताई है।

वैज्ञानिकों ने एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि के बाद कहा कि दक्षिणी क्षेत्र की विशाल पेंगुइन कॉलोनियों के लिए यह एक संभावित खतरा है। स्पेन के हायर काउंसिल फॉर साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन (सीएसआईसी) ने कहा कि यह खोज पहली बार दर्शाती है कि अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस दूरी और प्राकृतिक बाधाओं के बावजूद अंटार्कटिका तक पहुंच गया है जो इसे अन्य महाद्वीपों से अलग करते हैं।

सीएसआईसी ने बताया कि 24 फरवरी को मृत स्कुआ समुद्री पक्षियों के नमूनों में वायरस होने की पुष्टि हुई थी। अर्जेंटीना के वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिक बेस प्रिमावेरा के पास यह पक्षी मिले थे। जेंटू पेंगुइन समेत आसपास के द्वीपों पर मामलों के बाद अंटार्कटिक प्रायद्वीप पर एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस की पुष्टि ने क्षेत्र में H5N1 एवियन फ्लू के खतरे को दर्शाया है। इस वायरस की वजह से हाल के महीनों में दुनिया भर में पक्षियों की आबादी खत्म हुई है।

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सीएसआईसी ने एक बयान में कहा, विश्लेषण से पता चला है कि पक्षी एवियन इन्फ्लूएंजा एच5 के उपप्रकार से संक्रमित थे और मृत पक्षियों में से कम से कम एक में अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस था। अंटार्कटिक महाद्वीप और आस-पास के द्वीपों पर सैकड़ों-हजारों पेंगुइन एक साथ इकट्ठा होते हैं, जिससे घातक वायरस आसानी से फैल सकता है।

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