Home Omg Shiva Temple Where Devotees Offer Crabs To Lord Shiva Live Crabs In Gujarat

इस मंदिर में भक्त शिवलिंग पर चढ़ाते हैं जिंदा केकड़े, बेहद चौंकाने वाला है कारण

टीम फिरकी, नई दिल्ली Published by: गौरव शुक्ला Updated Mon, 04 Feb 2019 07:14 PM IST
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shiva temple where devotees offer crabs to lord shiva live crabs in gujarat
- फोटो : Social Media
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भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जो अपनी मान्यताओं व विशेषताओं को लेकर अद्भुत माने जाते हैं। भगवान में आस्था किसकी नहीं होती और इसी आस्था से प्रेरित होकर लोग भगवान को सबकुछ अर्पण करने को तैयार रहते हैं। हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं जहां अनोखी और हैरान कर देने वाली परंपराएं चली आ रही हैं। ऐसी ही एक परंपरा गुजरात के सूरत में स्थित शिव मंदिर में है, जहां भक्त जिंदा केकड़े चढ़ाते हैं।

यह सुनकर आपको हैरानी हो रही है ना? लेकिन यह सच है। यह मामला सूरत के उमरा गांव में स्थित रामनाथ घेला महादेव मंदिर का है। बताया जाता है कि 200 साल पुराने मंदिर में भगवान राम के बाण से यहां शिवलिंग प्रकट हुआ था। यहां भक्त भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर जिंदा केकड़ चढ़ाते हैं। हालांकि, यह साल में एक दिन यानी षडतिला एकादशी के दिन ही होता है।

रामनाथ मंदिर के स्थान पर हजारों वर्ष पहले जंगल था। भगवान राम इस जगह पर पधारे तब उन्हें अपने पिता दशरथ के मृत्यु का संदेश मिला। इसके बाद भगवान राम ने तापी नदी में ही अपने पिता की तर्पण विधि करने का निर्णय लिया था। श्रीराम ने दरिया देव से प्रार्थना की, जिसके बाद स्वयं दरिया देव ने ब्राह्मण का रूप धारण करकेे तर्पण विधि पूर्ण कराई। इसके बाद भगवान राम ने तीर मारा जिसके बाद शिवलिंग प्रकट हुआ।

तर्पण विधि के बाद श्रीराम नासिक चले गए। तर्पण विधि के बाद ज्वार आने के कारण बड़ी संख्या में केकड़े तैरकर इस जगह पर पहुंचे। इसके बाद श्रीराम ने ब्राह्मणों को बताया कि इन सभी जीवों का उद्धार किया जाए। इसके साथ ही यह वरदान भी दिया कि जो भी इंसान कान के रोगों से पीड़ित होगा, तो वह जीवित एक केकड़ा शिवलिंग पर अर्पित करे। केकड़ा अर्पित करने से उस इंसान को कान के रोगों से मुक्ति मिलेगी। इस बात का उल्लेख तापी पुराण ग्रंथ में भी किया गया है।

मंदिर के पुजारी के अनुसार जब इस मंदिर में हर साल लोग षडतिला एकादशी के दिन आकर केकड़े चढ़ाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से स्वास्थ्य ठीक रहता है, जिसका जिक्र रामायण में भी मिलता है। वहीं एक अन्य कथा के अनुसार भगवान राम को यहां बहकर आए एक केकड़े ने प्रसन्न कर दिया था जिसके बाद भगवान के आशीर्वाद से यह शिवलिंग पर केकड़े चढ़ाए जाते हैं। पूजा के दौरान चढ़ाए गए केकड़ों को पास ही स्थित तापी नदी के जल में बिना कोई नुकसान पहुंचाए पंडितों द्वारा विसर्जित कर दिया जाता है।

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