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ये है देश का अनोखा रेलवे स्टेशन, जहां टिकट महाराष्ट्र में कटता है और ट्रेन गुजरात से चलती से है

टीम फिरकी, नई दिल्ली Published by: Ayush Jha Updated Mon, 16 Mar 2020 11:57 AM IST
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navapur railway station
navapur railway station - फोटो : social media
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भारतीय रेलवे से जुड़े ऐसे कई रोचक तथ्य हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको भारत के सबसे अनोखे रेलवे स्टेशन की कहानी बताने जा रहे हैं। इस स्टेशन का आधा हिस्सा महाराष्ट्र में पड़ता है तो वहीं आधा हिस्सा गुजरात में है। 

दरअसल, गुजरात-महाराष्ट्र की सीमा को छूने वाला यह देश का इकलौता रेलवे स्टेशन है। यहां स्टेशन पर एक बेंच ऐसी भी है, जिसका आधा भाग महाराष्ट्र और आधा भाग गुजरात में है। इस बेंच पर बैठने वालों को ये ध्यान में रखना होता है कि वे किस राज्य में बैठे हैं।

यहां टिकट खिड़की महाराष्ट्र में और स्टेशन मास्टर गुजरात में बैठते हैं। यही नहीं इस स्टेशन पर चार अलग-अलग भाषाओं रेलवे एनाउंसमेंट होता है। इस स्टेशन का नाम है नवापुर रेलवे स्टेशन। इस स्टेशन की सबसे खास बात ये है कि यहां टिकट खिड़की महाराष्ट्र में पड़ती है, जबकि स्टेशन मास्टर गुजरात में बैठते हैं।
इतना ही नहीं, इस स्टेशन पर चार अलग-अलग भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती और मराठी में अनाउंसमेंट होता है, ताकि महाराष्ट्र और गुजरात दोनों राज्यों से आने वाले यात्रियों को समझने में आसानी हो। इसके अलावा सूचनाएं भी चार भाषाओं में लिखी जाती हैं।
इस रेलवे स्टेशन की सबसे अजीब बात है दोनों की सीमाओं में लागू होने वाले अलग-अलग कानून। जी हां, गुजरात में शराब की बिक्री पर रोक है, तो महाराष्ट्र में पान मसाला और गुटखा पर। स्टेशन पर गुजरात वाले भाग में गुटखे की बिक्री पर अपराध नहीं बनता, लेकिन अगर गलती से भी कोई इसे बेचते-बेचते महाराष्ट्र की सीमा पर चला गया तो अपराधी हो जाता है।
ठीक ऐसे ही महाराष्ट्र में शराब और बीयर की बिक्री की जा सकती है, लेकिन गुजरात में यह बैन है। अगर गुजरात वाले भाग में कोई ऐसा करते हुए पाया जाता है तो वह अपराधी हो जाता है। कई बार ऐसा भी होता है कि दूसरे राज्य की सीमा में क्राइम करने के बाद अपराधी दूसरे राज्य के भाग में प्रवेश कर जाता है। ऐसी स्थिति में यहां पुलिस और अपराधियों के बीच आंख-मिचौली का खेल देखने को मिलता है।
 
नवापुर रेलवे स्टेशन के दो राज्यों में बंटे होने के पीछे एक कहानी है। दरअसल, जब यह स्टेशन बना था, तब महाराष्ट्र और गुजरात का बंटवारा नहीं हुआ था। उस समय नवापुर स्टेशन संयुक्त मुंबई प्रांत में पड़ता था, लेकिन एक मई 1961 को जब मुंबई प्रांत का बंटवारा हुआ तो यह दो राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात में बंट गया। इस बंटवारे में नवापुर स्टेशन दोनों राज्यों के बीच आ गया और तब से इसकी एक अलग ही पहचान है। 
नवापुर रेलवे स्टेशन की कुल लंबाई 800 मीटर है। इसका  300 मीटर का हिस्सा महाराष्ट्र में और 500 मीटर का हिस्सा गुजरात में पड़ता है। यहां की सबसे दिलचस्प बात ये है कि स्टेशन पर आने वाली रेलगाड़ियों का एक हिस्सा महाराष्ट्र में तो दूसरा हिस्सा गुजरात में होता है। यानी अगर ट्रेन महाराष्ट्र से आ रही है तो उसका इंजन गुजरात में होता है और अगर ट्रेन गुजरात से आ रही है तो उसका इंजन महाराष्ट्र में होता है।  
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