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जब डॉक्टरों ने जीवित इंसान को घोषित कर दिया मृत, फिर हुआ कुछ ऐसा

टीम फिरकी, नई दिल्ली Published by: संकल्प सिंह Updated Sat, 01 May 2021 02:09 PM IST
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dead body - फोटो : Youtube
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उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से एक अजब-गजब घटना सामने निकल कर आई है, जो हर तरफ सुर्खियां बटोर रही है। बात कुछ ऐसी है कि यहां पर डॉक्टरों ने एक शख्स को मृत घोषित कर दिया था। वहीं जब अचानक शव में कुछ हलचल हुई तो सभी परिजन उसे देख आश्चर्यचकित हो गए। उन्होंने फौरन लाश का चेक-अप करने के लिए डॉक्टर को बुलाया, तो पता चला कि पल्स और ऑक्सीजन लेवल दोनों ठीक थे।
घटना सुल्तानपुर के कोतवाली नगर दरियापुर मोहल्ले की है। यहां पर रहने वाले शख्स अब्दुल माबूद को सांस लेने में काफी दिक्कत आ रही थी। इस कठिन हालात में जब उन्हें अस्पताल में ले जाया गया, तो वहां पहले से ही बहुत भीड़ थी। बहुत कहने-सुनने पर डॉक्टरों ने अब्दुल को 3 से 4 इंजेक्शन की डोज दी। इंजेक्शन की डोज लेने के बाद भी उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। वहीं जब परिजनों ने ऑक्सीजन की मांग की तो डॉक्टर ने कहा अस्पताल में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं है। ऑक्सीजन के सभी सिलेंडर इस समय खाली पड़े हैं।
 
इसके बाद परिजनों ने अब्दुल माबूद को प्राइवेट अस्पताल में लेकर गए। वहां उनकी पल्स रेट और ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था। प्राइवेट अस्पताल वालों ने जवाब दे दिया और कहा जहां पर ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में हो वहां इन्हें लेकर जाओ। इसके बाद परिजनों ने दोबारा उन्हें सरकारी अस्पताल में लेकर गए। 
सरकारी अस्पताल में जब डॉक्टरों ने उनका चेस्ट पंप करके देखा तो उसमें कोई हरकत नहीं हुई। इस कारण उन्होंने अब्दुल को मृत घोषित कर दिया। परिवार में मातम छा गया। सभी परिजन जोर-जोर से रोने लगे। जैसे-तैसे उन्होंने लाश को घर लाया। इसके बाद जिस चादर में अब्दुल की लाश को लपेटा गया था। उसमें कुछ हरकत होने लगी। इसे देख सभी परिजनों की आंखों में फिर से उम्मीद बढ़ गई। डॉक्टर को बुलाया गया तो पता चला कि पल्स और ऑक्सीजन लेवल ठीक हैं, यानी अब्दुल अभी मरे नहीं थे वह जिंदा थे।
परिवार वाले खुश हो गए और फटाफट एंबुलेंस के सहारे उन्हें लखनऊ के एक अस्पताल में एडमिट कराया गया। इसके बाद भी अस्पताल के डॉक्टर मरीज को बचा नहीं सके। करीबन सात घंटे बाद उसकी मृत्यु हो गई। सवाल यह उठ रहा है कि सरकारी अस्पताल के लोग इतनी बड़ी लापरवाही कैसे कर सकते हैं? एक जिंदा इंसान को उन्होंने मृत कैसे घोषित कर दिया? अगर उनके साथ मेडिकल स्टाफ द्वारा ये लापरवाही नहीं की गई होती तो शायद अब्दुल आज जिंदा होते।
 
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