महिलाओं को भले ही पुरुषों से कम आका जाता है, लेकिन असल में ऐसा नहीं है। आज की महिला भी पुरुषों से कम नहीं है। अपना साहस दिखाने के लिए केवल महिलाओं को थोड़े सहयोग की आवश्यकता है, जिसके बाद महिलाएं भी पुरुषों के साथ चल सकती है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं।
दरअसल, जनवरी में पुणे की रहने वाली योगिता सातव ने अपनी हिम्मत और हौसले की बदौलत एक व्यक्ति की जान बचाई। साहस की बात तो ये है कि महिला ने किसी की जान बचाने के लिए पहली बार बस चलाई जिसके बाद उनके साहसी कार्य को एक फाइनेंस कंपनी की विज्ञापन फिल्म में ट्रिब्यूट दिया गया है। इस असाधारण कहानी को कंपनी ने एक विज्ञापन में ऑन-स्क्रीन दिखाया है। अब ये जोरशोर से वायरल हो रहा है। 7 जनवरी की घटना को विज्ञापन फिल्म में दिखाया गया है।
ड्राइवर को हुई बेचैनी
दरअसल, योगिता सातव उन 20 महिलाओं के समूह का हिस्सा थीं, जो 7 जनवरी को पुणे के बाहरी इलाके में पिकनिक पर गई थीं। ऐसे में पिकनिक स्पॉट के रास्ते में उनकी मिनी बस के ड्राइवर को बेचैनी की शिकायत हुई और वो उसी समय होश खो बैठा।
ड्राइवर की सीट पर बैठ कर चलाई बस
ऐसे में बाकी यात्री घबरा गए और मदद के लिए फोन करने की कोशिश करने लगे, लेकिन योगिता सातव ने खुद ड्राइवर की सीट पर बैठ कर बस चलाई जिसके बाद बड़ी मुश्किल से उन्होंने बस को शिकारपुर शहर के एक अस्पताल में पहुंचाया। ये अस्पताल महाराष्ट्र में पुणे से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
कंपनी ने यूट्यूब पर विज्ञापन शेयर करते हुए लिखा है कि हम एक साहसी महिला की कहानी आपके लिए पेश करते हैं इसने विपरीत परिस्थितियों का सामना किया है। साथ ही लिखा है कि एक कहानी जो आपको #DriveLikeALady के लिए सशक्त और प्रेरित करती है।
इस वीडियो को यूट्यूब पर अब तक 7 लाख बार देखा जा चुका है। इसमें कई दर्शकों ने योगिता सातव की तारीफ और सराहना भी की है।
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योगिता सातव उन 20 महिलाओं के समूह का हिस्सा थीं, जो 7 जनवरी को पुणे के बाहरी इलाके में पिकनिक पर गई थीं। ऐसे में पिकनिक स्पॉट के रास्ते में, उनकी मिनी बस के ड्राइवर को बेचैनी की शिकायत हुई और वो उसी समय होश खो बैठा।