World Bicycle Day: भारत समेत पूरी दुनियाभर में 3 जून को हर साल 'विश्व साइकिल दिवस' मनाया जाता है। हालांकि, इन दिनों दुनियाभर में साइकिल का चलन काफी कम हो गया है। इसके कई सारे कारण हैं, वहीं फर्राटा भरती गाड़ियों के बीच सड़कों पर साइकिल चलाना काफी जोखिम भरा भी होता जा रहा है। भारत में भी सड़कों पर साइकिलों की संख्या काफी कम नजर आती हैं। लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा है। जहां का प्रधानमंत्री भी रोजाना अपने घर से संसद जाने के लइ तक साइकिल से ही जाता है।
हर दिन साइकिल से ऑफिस जाते हैं इस देश के प्रधानमंत्री
इस बात से हम सभी अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि साइकिल पर्यावरण के साथ-साथ हमारी सेहत के लिए भी बेहतर है, लेकिन इसके बाद भी लोग इसका इस्तेमाल करने से कतराते हैं। कुछ लोग तो शर्म की वजह से और समय की कमी की वजह से भी साइकिल नहीं चलाते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में एक ऐसा भी देश है जहां सड़कों पर साइकिलें राज करती हैं। दरअसल ये देश है नीदरलैंड, जहां के प्रधानमंत्री रोजाना साइकिल से ही ऑफिस तक आते हैं।
नीदरलैंड की राजधानी एम्स्टर्डम के रिंग रोड और लेन सभी साइकिल के लिए जबरदस्त नेटवर्क से लैस हैं> यहां साइिकल चलाना बेहद सुरक्षित है, जहां बुज़ुर्ग से लेकर बच्चे भी आराम से साइकिल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा कल्चर केवल देश की राजधानी में ही नहीं, बल्कि नीदरलैंड के सभी शहरों में है।
60 के दशक में दशा थी बिल्कुल अलग
नीदरलैंड में साइकिल का कल्चर भले ही आज काफी बड़े स्तर पर देखने को मिल रहा है, लेकिन 1950 और 60 के दशक में यहां भी दूसरे देशों की तरह ही कारों और बाइक की संख्या लगातार बढ़ती हुई दिख रही थी। ऐसे में साइकिल को लेकर सामाजिक और न्यायिक सक्रियता दिखाने के बाद लोगों ने साइकिलों पर अधिक ध्यान दिया।
70 के दशक में इसको लेकर लोगों द्वारा जमकर प्रयास किए गए थे, जिसके बाद साइकिल के मुताबिक सड़कों की बनावट पर अधिक ध्यान दिया गया। अब नीदरलैंड की राजधानी एम्स्टर्डम दुनियाभर में 'साइकिल राजधानी' के रूप में जाती जाती है।
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भारत में भी सड़कों पर साइकिलों की संख्या काफी कम नजर आती हैं। लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा है। जहां का प्रधानमंत्री भी रोजाना अपने घर से संसद जाने के लइ तक साइकिल से ही जाता है।