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पिछले कुछ दिनों से देश में कई क्रांतियां चल रही हैं... इनमें से कुछ में बेचारी बीवियां घसीटी जा रही हैं। चुटकुलों, सियासी जुमलों में तो बीवियों की उपस्थिति पहले से ही थी, अब बेहद पढ़े-लिखे जनता की सेवा के लिए तत्पर डीएम साहब के भाषण में भी शामिल हो गई हैं। डीएम साहब ने जज्बाती होकर कुछ ऐसा दर्द बयां कर दिया कि बीवियां कन्फ्यूज हो हैं कि साहब से सहानुभूति दिखाएं या गुस्सा? यही हालत बीवियों के पतियों की है कि प्रतिक्रिया कैसी दें?
दरअसल हुआ यूं कि बिहार के औरंगाबाद में स्वच्छ भारत अभियान के प्रति सोए हुए लोगों को जगाने के लिए डीएम कंवल तनुज निकले थे। खुले शौच न जाने की सलाह गांव वालों को दे रहे थे। बात में गंभीरता लाने के लिए डीएम साहब ने मामले को बीवियों से लिंक कर दिया। डीएम साहब गांव वालों से बोले- अगर अपनी बीवियों की मर्यादा बचा सकते हो तो बचाओ। कितने गरीब हैं आप? अपने हाथ उठाकर बताओ कि क्या तुम्हारी बीवियों की कीमत 12 हजार रुपये से भी कम है? पहले मेरी बात सुनो, हाथ मत उठाओ।
डीएम साहब आगे बोले कि कौन ऐसा आदमी होगा जो कहेगा कि 12 हजार रुपये के लिए मेरी बीवी की मर्यादा ले लो? है कोई?
इत्ता कहना था डीएम साहब का कि तभी एक ग्रामीण ने शौचालय बनवाने के लिए पैसों के न होने का रोना रो दिया। ...और डीएम साहब सही बात को विवादित तरीके से बोल गए। उन्होंने तपाक से ग्रामीण से कह दिया कि अगर शौचालय नहीं बनवा सकते तो अपनी बीवी को बेच दो। बहुत से लोग एडवांस पेमेंट की बात करते हैं, वे एडवांस लेकर फालतू की चीजों पर खर्च कर देते हैं।
पिछले साल सितंबर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सात निश्चय अभियान के तहत दो योजनाएं शुरू की थीं - हर घर नल का जल और शौचायलय निर्माण, घर का सम्मान।
ये योजनाएं स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा हैं, इन योजनाओं के तहत 2019 तक बिहार के हर गांव और कस्बे को खुले में शौच मुक्त बनाना है।
शौचालय निर्माण, घर का सम्मान योजना के तहत एक आदमी को राज्य सरकार की तरफ से 12 हजार रुपये की मदद राशि मुहैया कराई जाती है। डीएम कंवल तनुज इसी योजना के तहत गांव वालों के सामने बोल रहे थे।
बीवी को बेचने वाली बात पर डीएम साहब की किरकिरी हो रही है। इसे देख कहना होगा कि गए तो थो समेटने के लिए लेकिन उल्टा रायता फैल गया।