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महिलाएं जरा सावधान हो जाएं। अगर किसी बात पर आपस में न बने और बात झोंटा झुटौअल (झगड़ा- लड़ाई) तक पहुंच जाए तो पब्लिक प्लेस से बिल्कुल हट जाएं वर्ना पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) आपसे सवाल-जवाब कर सकता है।
भारत पाकिस्तान के बॉर्डर पर हो रही गतिविधियां हों, चीन की गीदड़ भभकी हो या फिर बात देश में फैल रही अशांति की, अब हमारा पीएमओ देश-विदेश की गतिविधियों के साथ महिलाओें के झगड़े पर नजर रख रहा है। लगता है कि पीएमओ ने महिलाओं की शक्ति को पहचान लिया है!
महिलाओं के इस हाई प्रोफाइल झगड़े का मामला सामने आया है पंजाब से। पंजाब के सैन्य अड्डे पर दो अधिकारियों की पत्नियों के बीच हुई झड़प का मामला पीएमओ तक कई आयोगों के चक्कर काट कर पहुंचा है।
मामला करीब एक हफ्ते पहले का है जब आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में सेना के दो वरिष्ठ अधिकारियों की पत्नियों के बीच झड़प हो गई। खबर तो ये भी है कि पीएमओ ने सेना मुख्यालय से घटना को लेकर रिपोर्ट मांगी है।
महिलाओं के इस झगड़े की खबर प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचने से सेना के वरिष्ठ अधिकारी शर्मिंदा हैं। वैसे सेना के अधिकारियों की पत्नियां झगड़ती तो पहले भी रही हैं लेकिन मामले की जांच आमतौर पर अंदरूनी स्तर पर कर मामले को रफा दफा कर दिया जाता था, लेकिन लगता है इस बार यह मामला थोड़ा ज्यादा ही आगे बढ़ गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आर्मी अधिकारियों की पत्नियों के बीच झगड़ा तब शुरू हुआ जब सैन्य अड्डे के कमांडिंग ऑफिसर की पत्नी ने कथित रूप से लेफ्टिनेंट कर्नल की पत्नी से बदतमीजी की। वहीं एक दूसरे मामले में सीओ की पत्नी ने दूसरी महिला के साथ मारपीट की।
खबरची सूत्र ने तो यह भी बताया कि इस कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारी और उनकी पत्नियां मौजूद थीं। जब मामला हाथ से निकल गया तो लेफ्टिनेंट कर्नल ने पीएमओ, पंजाब पुलिस तथा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से मामले की शिकायत कर दी ।
वैसे मामला पीएमओ पहुंचने से पहले अल्पसंख्यक आयोग तक भी पहुंचा और आयोग भी जांच कर रहा है। बता दें कि सेना कर्मियों की पत्नियां सेना अधिनियम के दायरे में नहीं आती है।