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जिस समाज में हम रहते हैं वहां 'फेल' एक बहुत भयानक और डरावना शब्द है। फेल होने वाले बच्चे के आगे एक अंधेरीनुमा पर्दा गिरा दिया जाता है। उन्हें ऐसा महसूस कराया जाता है कि वो जिंदगी की अहम परीक्षा में फेल हो जाने के बाद आने वाली सभी एग्जाम में फेल हो जाएगा। अगर गलती से मम्मी पापा थोड़ा सपोर्टिव हो तो रिश्तेदार अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए आ जाते हैं और पिटवाने के बाद ही सांस लेते हैं, अगर बच्चा इस एक्शन पर कोई रिएक्शन दे दे तो सारा दोष, टीवी, फोन, स्कूल, दोस्त और फोन को दे देते है और कह देते हैं कि कलयुग है भाई कलयुग।
लेकिन इसी कलयुग में त्रेतायुग वाली खबर सुनने में आई है, जिससे सुनने के बाद आपको अपनी आंखों, दिमाग और आंखों पर विश्वास नहीं होगा। मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक पिता ने बेटे के फेल होने पर डांटने डपटने के बजाय आलीशान पार्टी दी, मिठाइयां बांटी, आतिशबाजी से माहौल रौशन कर दिया। जी हां, सागर जिले के सुरेंद्र कुमार व्यास का ऐसा रवैया देख, लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था। आखिर वो ऐसा क्यों कर रहे है। आखिर में उनकी मेहनत रंग लाई, मीडिया वाले उनसे बात करने के लिए पहुंच गए।
सुरेंद्र व्यास ने बताया कि वो इतना सब खर्चा-पानी बेटे को मोटिवेट करने के लिए कर रहे थे। आजकल के बच्चे नाकामयाबी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। फेल होने पर वो आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं, जिसका मलाल पूरी जिंदगी रहता है। ऐसे में मैं अपने बच्चे को प्रेरणा देना चाहता हूं कि उसके हर प्रयास से मैं खुश हूं। और परिणाम से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
अपने पापा के इस जज्बे से बेटे में भी खुशी है, उसने अपने पापा से प्रॉमिस किया है कि इस साल वो मेहनत से पढ़ाई करेगा और अच्छे नंबरों से पास होकर दिखाएगा। इस खबर को पढ़ने के बाद विश्वास नहीं हो रहा है कि ये पापा ...उसी युग के हैं, जिस युग में फेल होने पर चप्पलों और बेल्टों से पिटाई होती थी।