विस्तार
पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर एरापल्ली प्रसन्ना ने शुक्रवार को विराट कोहली पर तंज कसते हुए कहा कि यदि मौजूदा कप्तान खुद को भारतीय क्रिकेट का बॉस समझते हैं तो टीम को कोच की जरूरत नहीं है। हाल ही में कोच पद से इस्तीफा देने वाले अनिल कुंबले और कोहली के बीच आई दरार के बारे में पूछे जाने पर प्रसन्ना ने झुझलाते हुए कहा, ‘यदि कप्तान बॉस हैं तो टीम को कोच की क्या जरूरत है? मुझे तो लगता है कि उन्हें बल्लेबाजी और फील्डिंग कोच (संजय बांगर और आर श्रीधर) की भी जरूरत नहीं है।’
कोहली की कप्तानी पर सवाल उठाते हुए यह भी जोड़ा कि वह निस्संदेह एक अच्छे खिलाड़ी हैं लेकिन मुझे नहीं मालूम कि वह एक अच्छे कप्तान हैं या नहीं। प्रसन्ना के मुताबिक यदि महान क्रिकेटर अनिल कुंबले तक का सम्मान नहीं किया गया, तो मुझे नहीं लगता कि बांगर और श्रीधर कप्तान के समक्ष अपनी बात मजबूती से रख पाएंगे।
कप्तान के चयन के लिए गठित सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की सदस्यता वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) पर निशाना साधते हुए 77 वर्षीय पूर्व गेंदबाज ने कहा, ‘यदि कप्तान इस एटीट्यूड के साथ बर्ताव कर रहे हैं तो कोच की जरूरत नहीं है। केवल किसी को फीजिकल ट्रेनर के रूप में नियुक्त कर देना ही काफी होगा। दरअसल कोच के चयन की प्रक्रिया में आमूलचूल बदलाव की जरूरत है। या फिर यदि कोहली जिम्मेदारी लें तो पुराने दिनों की तरह एक मैनेजर नियुक्त कर दिया जाए जो टीम के यात्रा प्रबंध में जुटा रहे।’
प्रसन्ना के मुताबिक अब समय आ गया है कि महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली जैसे जंग के पुराने धुरंधरों का विकल्प ढूंढा जाए। मुझे नहीं लगता कि ये दोनों 2019 में होने वाले विश्वकप तक खेल जारी रखने में समर्थ हैं, क्योंकि तब तक इनकी उम्र 38 हो चुकी होगी। हमें ताजा और यंग खिलाड़ियों की जरूरत है। विंडीज जैसी कमजोर टीम के खिलाफ चयनकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा नये खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए था।