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महिलाएं और पुरुष एक दूसरे के पूरक तो हो सकते हैं लेकिन बराबर नहीं। कुदरती तौर पर यह बात सही लगती है। लेकिन दुनिया में कुछ लोग महिलाओं और पुरुषों के बीच अंतर किए जाने के खिलाफ मुहिम चला रहे है। मुहिम पुरुषों की तरह रहन-सहन और पहनने ओढ़ने को लेकर है। इन लोगों की मांग है कि पुरुष जिस तरह से खुली छाती के साथ बेतकल्लुफी से कहीं भी आ जा सकते हैं, घूम सकते हैं, ये आजादी महिलाओं को भी मिलनी चाहिए।
अमेरिका में वाकायदा इसी शनिवार को हजारों महिलाएं टॉपलेस होकर सड़कों पर उतर गईं। हाथों में बोर्ड थे जिनमें समानता और टॉपलेस होने को लेकर स्लोगन लिखे थे।
भारी पुलिस बल की देखरेख में न्यूयॉर्क और मैनहट्टन में अर्धनग्न महिलाओं का मार्च निकला।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गो टॉपलेस डॉट ओरजी एक सामाजिक संगठन है, जो 2007 से महिलाओं के लिए खुली छाती की आजादी की मांग कर रहा है। इसके तहत हस साल अगस्त के महीने में ये संगठन गो टॉप लैस डे मनाता है, जिसमें महिलाओं के साथ साथ पुरुष भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
इस बार गो टॉपलेस डे की दसवीं वर्षगांठ मनाई गई। गो टॉपलेस डे परेड में शामिल होने वाले लोगों ने ट्रंप सरकार मुहिम के लिए समर्थन मांगा।
ट्रंप से मांग की गई कि अगर कोई महिला टॉपलेस होकर बाहर निकले तो उसे पुलिस के द्वारा गिरफ्तार होने का डर न हो और नहीं उसे किसी के द्वारा शर्मिंदा ही किया जाए।
अमेरिका और यूरोप में ऐसे कई संगठन हैं जो वर्षों से न्यूडिटी कैंपेन चला रहे हैं। खास बात ये है कि ये वे लोग हैं जो दुनिया के सबसे पढ़े-लिखे और सभ्य देशों से ताल्लुक रखने वाले माने जाते हैं। इनकी पुरुषों के समान अधिकारों की मांग की आड़ में नग्नता को बढ़ावा देने की मुहिम कितनी सफल हो पाएंगी, यह आने वक्त बताएगा। लेकिन समझदार लोग जानते हैं कि भलाई नग्नता में होती तो शायद ही इंसान कपड़ों का अविष्कार करता और तरह तरह के कपड़े बनाता है। इस बारे में आप क्या कहते हैं?