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मथुरा में क्या हुआ किसी से छिपा नहीं है। बार-बार उन्हीं बातों की दाल-मखनी बनाना बेकार है। भारत में बहुत-सी चीज़ें इतनी धीरे-धीरे और हल्के-से हो जाती हैं कि आपको पता भी नहीं चलता। पीपल के पेड़ के नीचे एक पत्थर रख दिया जाता है फिर अचानक से श्रद्धालू पैदा होते हैं और फिर वहां के भगवान जिनका कल तक कोई भविष्य नहीं था, उनका एक इतिहास निकल आता है। फिर वहां मंदिर बनाने की तैयारी होती है और उसके कई सालों बाद सरकार को याद आता है कि यह वन-विभाग की ज़मीन थी।
ख़ैर, यह तो हमारे देश का एक साधारण किस्सा है। मथुरा में भक्ति को बद्नाम नहीं किया गया। भक्ति-भावना को बद्नाम करने का ठेका राधे मां और आसाराम ने पहले ही ले रखा है इसलिए ये हड़ताल पर बैठ गए और खुद को गांधी बनाने की कोशिश में हड़ताल को 'सत्याग्रह' बना दिया। इनकी मांगें बड़ी ज़बरदस्त थीं। ऐसी डिमांड लेकर बैठे ये होनहार लोग जो पूरी ही न हो पाएं ताकि ये वहां परमानेंट अड्डा जमा सकें।
जहां ये बवाल चल रहा है उस जगह का नाम जवाहर पार्क है और जिन शांति दूतों ने वहां अड्डा जमाया था उनके समूह का नाम है - आज़ाद भारत विधिक वैचारिक सत्याग्रही। 1 जनवरी 2014 से वहां धरना चल रहा है। इनकी शुभ मांगें इस प्रकार हैं -
- राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव रद्द किया जाए
- पेट्रोल की कीमत 1 रुपये प्रति 40 लीटर और
- डीज़ल की कीमत 1 रुपये प्रति 60 लीटर हो
- भारत की वर्तमान मुद्रा बदल दी जाए
- गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया जाए
अब खुद ही देख लें कितने हसीन ख्याल थे इनके। अरब राज्यों में इनका ससुराल है जहां से पेट्रोल मुफ्त में मिलेगा। चुनाव के बाद तो इतना बखेड़ा होता है, सरकार से इतनी नाराज़गी चलती है.. बिना चुनाव के ये देश चलाएंगे। 2010 में जाकर तो अपने रुपये को एक चिन्ह मिला, अब इन्हें रुपये से भी दिक्कत है। और गाय का तो क्या कहें भैया, वो अपने बछड़े को छोड़ कर सबकी माता है।
तो ये इनकी मांगों की ही देन थी जो इन पर ध्यान नहीं दिया गया। आए थे ये सत्याग्रह करने और झुग्गी बनाकर वहीं बस गए। 270 एकड़ ज़मीन कुछ होती है जनाब! ऐसे कैसे किसी को दे दें भाई? हर कोई रॉबर्ट वाड्रा थोड़े ही है। बवाल तो होना ही था पर सब टाल ही रहे थे। हाइकोर्ट के आदेश के बाद सिपाही गए वहां पर लाठी लेकर, तो सत्याग्रही लोगों ने देसी कट्टे, राइफल और कारतूसों से सत्याग्रह छेड़ दिया। बहुत कुछ तहस-नहस हुआ, कई जवान शहीद हो गए। संख्या जानकर क्या करेंगे? हमारे यहां के जवान तो गाजर-मूली हैं न। कटते-मरते रहते हैं, इनकी क्या गिनती? आपको पता है, आप अगर गूगल करेंगे कि पुलिस कितनी सुरक्षित है, तो आपको कुछ न मिलेगा। सारे लेख इसपर हैं कि पुलिस आपको कितनी सुरक्षा देती है, आप पुलिस के साथ कितने सुरक्षित हैं.. पुलिस की सुरक्षा (सेफ्टी) पर कुछ है ही नहीं, ढूंढ लीजिएगा। ये हालत है उस पुलिस की जिसे आप सुपरमैन समझते हैं और नेता तरबूज।
ये सत्याग्रही लोग कहां से उत्पन्न हुए ये भी जान ही गए होंगे। 'जय गुरुदेव' का नाम सुना है? नहीं भी सुना होगा तो इनके नाम पर लिखी नैतिक बातें पढ़ी ही होंगी। दीवारों पर खूब लिखी होती हैं। उन्हीं के एक चेले थे.. अरे नहीं, हैं। जय गुरुदेव नहीं हैं पर चेला ज़िंदा है। रामवृक्ष यादव नाम है चेले का। उसी चेले के लोग हैं ये। नैतिक लेखों से दीवारें गोदने वाले गुंडे हैं ये।
अखिलेश भईया ने मुआवज़े वाला तीर मार दिया शहीदों के नाम। इसलिए कोई ठीक से पूछ नहीं पाया कि कार्यवायी क्यों नहीं हुई। बसंती गच्चा खा गई। वो कुछ नहीं कहती तो भी ठीक था, पर उसने कुछ ऐसा कह दिया कि लोगों ने लपेट लिया। लोग भी लपेट कर क्या उखाड़ लेंगे? मैडम एक फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं। जब उनका संसदीय क्षेत्र जल रहा था तो वो एक आइलैंड पर सुस्ता रही थीं। ट्वीट भी किया उन्होंने.. खूब मस्ती हो रही है।
https://twitter.com/CNNnews18/status/738629155231653888
बढ़िया हुआ लोगों के लिए भी। वोट को तो दूध-भात समझते हैं न! किसी को भी दे दिया.. अब बताओ भला, बसंती के पास ऐसी कौन-सी राजनीतिक सूझबूझ थी जो झट-से उसे वोट दे दिया? सूझबूझ होगी भी तो ये लोग सूझबूझ के लिए वोट नहीं देंगे, ये देंगे इसलिए क्योंकि वो ड्रीमगर्ल है.. इसलिए कि धर्मेंद्र के साथ क्या कमाल की जोड़ी है उसकी.. इसलिए कि क्या ज़बरदस्त ऐक्टिंग करती थी वो.. इसलिए कि अपनी जवानी में क्या सेक्सी लगती थी। अबे नालायकों! ये बताओ इन सबमें से किसी भी बात का राजनीति से लेना-देना है? विकास से कोई मतलब है? पर नहीं, तुमलोग फिल्में देखकर ही वोट बांटोगे, अब भुगतो!
https://twitter.com/DOCTORATLARGE/status/738630813005144064
https://twitter.com/AdvancedMaushi/status/738633149425410048
वैसे हेमा जी, लोगों ने आपको तवज्जो दी, तरजीह दी, प्यार दिया.. कुछ तो ख्याल रखा होता मोहतरमा। आप सेलेब्रिटी लोग न, जनता को घास-फूस समझते हैं। लोगों ने आप पर सारा प्यार उड़ेल दिया पर आपने बता दिया कि आप मड आइलैंड में बैठी बसंती हैं। भाजपा को दखल देना पड़ा और आपका ट्वीट डीलीट हो गया फिर बाद में अपार दुःख के साथ आप ने लिखा कि ज़रूरत पड़ी तो आप मथुरा आएंगी..
ज़रूरत पड़ी तो।
https://twitter.com/dreamgirlhema/status/738618594058084352
https://twitter.com/BLRrocKS/status/738630736983384064
सफाई भी दी गई भैया.. ये भी पढ़ लो।
https://twitter.com/dreamgirlhema/status/738675065428971521
हां मैडम, ज़रूरत तो आपकी तब पड़ेगी न जब आपकी फिल्म रीलीज़ होगी या फिर जब आपको कोई फीता काटना होगा। जनता ने आपको लपेटा, बहुत बढ़िया किया, पर उन्हें भी शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस की बीमारी है। आप मुस्कुराती हुई आ जाएंगी और वो सब भूल जाएगी.. पर आप याद रखिएगा, आप बसंती ही हैं, वो तो जनता ने आपको हेमा बना रखा है।