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इनको घर में रखो या नहीं, लेकिन सदियों से घरों की चौकीदारी का जिम्मा इन्हीं के कंधों पर माना जाता है। जिस घर में ये हों, मज्जाल कोई अजनबी घुस जाए। मुहल्ले में ये हों तो अजनबी तो दूर, अजनबी वाहन तक नहीं घुस पाते हैं। इनकी कुछ नस्लों का इस्तेमाल तो आर्मी और पुलिसवाले भी खोजबीन के लिए करते हैं। यहां तक कि बमों तक का पता लगाने की जिम्मेदारी इन्हीं के ऊपर होती है। बदले में मिलता क्या है इन्हें... चंद बिस्किट!
समझ में नहीं आता कि आखिर ऐसा क्या बिगाड़ा है इस बिरादरी ने कि रील लाइफ से लेकर रियल लाइफ तक में इन्हें वफादारी का इनाम दुत्कार से मिलता है।फिल्म शोले के वीरू (धर्मेंद्र) का वह डायलॉग तो याद ही होगा- बंसती इन कुत्तों के सामने मत नाचना... वहीं एक और फिल्म में वीरू पाजी कहते है- मैं इन कुत्तों को चुन-चुनके मारूंगा।
लगता है कि उनकी वो बात हैदराबाद प्रशासन ने अब सीरियसली ले ली है और सड़क के कुत्तो को चुन-चुनकर मारा जा रहा है।
लेकिन यहां फिल्मों की तरह किसी प्रेम कहानी या आशिकी का सवाल नहीं है। यहां अतिथि प्रेम का सवाल है। इन अतिथि के लिए पहले भिखारियों से शहर खाली किया गया और अब कुत्तों की बारी है। जी हां, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका महीने के आखिर में हैदराबाद आ रही हैं, लेकिन उनसे पहले यहां कुत्तों की शामत आ गई है।
सड़क के आवारा कुत्तों से इवांका कहीं असहज न हो जाएं, इसलिए उन्हें चुन-चुनकर मारा जा रहा है। यह दावा हम नहीं कर रहे, बल्कि मीडिया रिपोर्ट्स बता रही हैं कि शहर के बंजारा हिल्स और जुबली हिल्स इलाकों से कुत्ते गायब हो गए हैं और कुछ मरी हुई हालत में मिले हैं। जानवरों के लिए काम करने वाले सामाज सेवियों की मानें को कुत्तों को जहर देकर मारा जा रहा है। डॉक्टरों ने भी उनके शरीर में जहर मिलने की पुष्टि की है।
इन इलाकों में रहने वाले लोगों ने आरोप लगाया है कि ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने 24 घंटे के भीतर कुत्तों को वहां से साफ कर दिया है। इससे पहले शहर से भिखारियों को भी हिल्ले लगाया गया था। भिखारियों को पुनर्वास केंद्रों में ले जाया गया था।
इवांका यहां ग्लोबल एंटरप्रेन्यॉरशिप समिट में हिस्सा लेने आ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके आने पर शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। कुलमिलाकर उनके लिए की जा रही यह खातिरदारी इंसानों के साथ साथ अब बेजुबानों पर कहर बनकर टूट रही है।