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उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में सड़कों पर महत्वपूर्ण जगहों में एक से बढ़कर एक सुंदर युवतियां ट्रैफिक संभालते दिखाई देती हैं। नीली स्किन फिट ड्रेस इनकी पहचान है। सिर पर आकर्षक टोपी। उत्तर कोरिया की जनता इन्हें बेहद सम्मान की नजरों से देखती है। ट्रैफिक लेडीज चुना जाना यहां कोई आसान बात नहीं है। सुंदरता के हिसाब से चुनाव होता है।
तानाशाह किम जोंग उन अपनी ट्रैफिक लेडीज के जरिये देश की खूबसूरती का प्रदर्शन करते हैं। लेकिन ट्रैफिक लेडीज की नौकरी बहुत लंबी नहीं होती। मसलन, अगर यह विवाह के बंधन में बंधती हैं तो नौकरी छोड़नी पड़ती है ताकि दूसरी युवतियों को मौका मिल पाए।
जन सुरक्षा मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इन्हें ट्रैफिक नियंत्रित करने की पूरी ट्रेनिंग दी जाती है। जहां तक रिटायरमेंट की बात है तो उत्तर कोरिया में महिलाएं 26 से 27 साल के बीच शादी के बंधन में बंध जाती हैं। यह एक चुनौतीपूर्ण नौकरी है, इसलिए यह नियम बनाया गया है कि शादी के बाद महिलाएं ट्रैफिक लेडीज की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकतीं।
प्योंगयांग की सड़कों पर 1980 से ट्रैफिक लेडीज जिम्मेदारी निभा रहीं हैं। यह वो समय था, जब इक्का-दुक्का गाड़ियां ही चला करती थीं। उत्तर कोरिया के सुरक्षा बलों में ट्रैफिक लेडीज अधिकारी रैंक तक का हिस्सा रखती हैं। 24 साल की सीनियर कैप्टन रि मायोंग-सिम के मुताबिक, वह अपने काम को पूरे अनुशासन और लगन से निभाती हैं। सिम 17 साल की थीं, जब इस ट्रैफिक लेडीज के लिए उनका चयन किया गया था।
रिटायरमेंट के बाद नया प्रोफेशन
रि मायोंग-सिम के मुताबिक, उनका रिटायरमेंट भी नजदीक है। शादी नहीं भी करेंगी तो भी 26 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाएंगी। ऐसे में वह टीचर ट्रेनिंग का कोर्स भी कर रही हैं ताकि नई जॉब के लिए तैयार हो सकें। उनकी जैसी बाकी ट्रैफिक लेडीज भी इस नौकरी के बाद अलग-अलग क्षेत्रों में काम करती हैं।