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उत्तर कोरिया जिस हिसाब से एक के बाद एक मिसाइल परीक्षण कर रहा है, एक दिन गली-मुहल्लों में फल बेचने वाले आवाज लगाते फिरेंगे- मिसाइल के खोखे, बमों का कचरा और जंग लगी तोपों से केले भरा लो।
अमेरिका लगातार चीन के जरिये उत्तर कोरिया पर दबाव बनाता है, लेकिन तानाशाह किम जोंग उन ने कभी न सुधरने की कसम खा रखी है। किम जोंग उन पुरानी हिंदी फिल्मों के सूदखोर लाला की तरह लगातार अमेरिका को धमकाते रहता है कि मिसाइल गिरा देंगे, व्हाइट हाउस उड़ा देंगे।
उधर दुनिया के दादा समझे जाने वाले ट्रंप की एनर्जी का आधा हिस्सा इसी में चला जाता है कि उन का करें क्या?
लेकिन अब एक रिपोर्ट के जरिए उस तोते का खुलासा हो गया है जिसमें सनकी तानाशाह की जान अटकी है। अब उन को यह ध्यान रखना होगा कि कहीं अमेरिका सिक को अगवा न कर ले।
फॉक्स न्यूज के मुताबिक किम जोंग उन के मिसाइल कार्यक्रम के पीछे किम जोंग सिक नाम के शख्स का हाथ है। इस शख्स पर उन की नजर 2012 में पड़ी जब उसने स्पेस में सैटेलाइट लॉन्च किया। सिक ने उन्हा-3 रॉकेट के जरिये सैटेलाइट का सफल परीक्षण किया था। तब सिक को उत्तर कोरिया का सर्वोच्च सम्मान 'किम जोंग इल' दिया गया। सिक के पास करीब 20 साल का अनुभव है। तकनीकि में सिक की दक्षता की वजह से उन्हें उत्तर कोरिया के ऐम्युनिशन इंडस्ट्री विभाग के प्रमुख भी बनाया गया है।
जानकार सिक को रॉकेट साइंस के एक मजबूत साइंटिस्ट और उत्तर कोरिया के मिसाइल कार्यक्रम का मास्टर माइंड मानते हैं।
सिक जैसे मजबूत सिपहसालार की वजह से उन का सनकीपन लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अगर अमेरिका किसी भी तरीके से सिक तक पहुंच जाता है तो उन तो काबू में करना मुश्किल नहीं होगा।