Home Panchayat Mandsaur Farmers Agitation Bhupendra Singh Admitted Farmers Were Killed In Police Firing

कश्मीर के पत्थरबाजों पर पैलट गन और मंदसौर के किसानों पर सीधे गन! क्या है पूरा मामला, पढ़ें

Updated Thu, 08 Jun 2017 03:28 PM IST
विज्ञापन
Mandsaur farmers agitation: Bhupendra Singh admitted farmers were killed in police firing
विज्ञापन

विस्तार

सत्ता तक पहुंचने का सबसे आसान रास्ता, सबसे बड़ा वोट बैंक, देश भर का पेट भरने के लिए सबसे बड़ा मजदूर वर्ग और अब सबसे बड़ा सॉफ्ट टारगेट... इस देश में उसे अन्नदाता कहते हैं, लेकिन बात न माने तो सीधे गोली मार देते हैं और उसकी जबान हमेशा के लिए बंद कर देते हैं!

मध्यप्रदेश के मंदसौर की घटना से तो ऐसा ही लगता है और अब सरकार का बयान भी आ गया है। सूबे के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कबूला है कि मंगलवार को पांच किसानों की जान पुलिस की फायरिंग में गई। अब मामले की जांच होगी। 

वैसे पहले दिन से ही पुलिस पर किसानों की जान लेने का आरोप लगा, लेकिन वह बचती रही। 

मसला केवल पुलिस का नहीं है, मसला सरकार और उसकी कार्यशैली का है। सूबे में बीजेपी की सरकार है, केंद्र में बीजेपी है और जम्मू कश्मीर में भी पीडीपी के साथ बीजेपी है। घाटी में अलगाववादी हिंसक होते हैं, पत्थर चलाते हैं तो उनको पैलट गन चलाकर काबू किया जाता है, आंसू गैस के गोले छोड़े जाते हैं या मिर्ची बन चलाया जाता है, जिससे किसी की जान नहीं जाती, लेकिन यहां अन्नदाता उग्र होता है तो उसके लिए बच निकलने का दूसरा कोई विकल्प ही नहीं! सीधे गोली मार दी जाती है!

'जय जवान, जय किसान' क्या यह नारा इसीलिए बना था कि जवान सरहद पर गोली खाए और किसान सड़क पर...!

कहीं पांच किसानों की मौत पीएम मोदी के पांच साल के किए कराए पर पानी न फेर दे!

मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के किसान अपनी फसल संबंधी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने एक जून से लेकर दस जून तक आंदोलन जारी रखने की बात कही थी। हालांकि एपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किसान संगठनों से बात कर प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की, लेकिन किसानों में फूट पड़ने से प्रदर्शन नहीं थमा और उग्र हो गया। किसानों ने मंदसौर में कई सरकारी और निजी संपत्तियों को आग के हवाले किया। एक जगह किसानों ने पटरी तक उखाड़ दी जिससे रेल यातायात प्रभावित हुआ। प्रशासन को धारा 144 का सहारा लेना पड़ा।

पुलिस ने उग्र किसानों को काबू करने की कोशिश की, लेकिन मंगलवार को पांच किसानों की गोली लगने से मौत हो गई, जिसके बाद विपक्षी दलों को सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ ताल ठोंकने का मौका मिल गया। शिवराज सरकार ने मारे गए किसानों के परिवार वालों को 10-10 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का एलान किया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने भी 2-2 लाख रुपये देने की घोषणा की है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मामले की जांच और उसे संभालने का जिम्मा खुद उठाया और वह प्रशासन की अनुमति न मिलने पर भी राजस्थान के जरिए मंदसौर के लिए निकल लिए। उन्हें एक मोटरसाइकिल पर पीछे की सीट पर बैठकर जाते देखा गया। 

राहुल बाबा की इस हरकत पर बीजेपी कह रही है कि कांग्रेस जबर सूबे में अशांति फैलाने का काम कर रही है।

स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं। 

कृषि मंडियों में केंद्र सरकार के घोषित समर्थन मूल्य से नीचे फसलों की बिक्री न हो।

आलू, प्याज और अन्य सभी फसलों का समर्थन मूल्य घोषित किया जाए। 

आलू, प्याज का समर्थन मूल्य 1,500 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए।

किसानों के कृषि ऋण माफ किए जाएं, फसल के लिए मिलने वाले कृषि ऋण की सीमा 10 लाख रुपये हो। 

भारत सरकार के 2013 के भूमि अधिग्रहण अधिनियम बरकरार रखा जाए। 

दूध का दाम तय करने का अधिकार किसानों को मिले। दूध का दाम 52 रुपये प्रति लीटर किया जाए।

डॉलर काबुली चना का बीज प्रमाणित कर उसका समर्थन मूल्य घोषित हो। यह चना भारत में केवल एमपी में ही होता है। 

खाद, बीज और कीटनाशकों के दाम भी नियंत्रित किए जाएं। 

आंदोलन में जितने किसान गिरफ्तार किए गए हैं, उन्हें बिना शर्त रिहा किया जाए।

मंदसौर के अलावा रतलाम और उज्जैन में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। फिलहाल हालात पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। 
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree