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अपनी यादों की घड़ी को जरा रिवाइंड कीजिए। 2007-08 के करीब क्रिकेट के आसमान में धोनी नाम का सितारा अपनी चमक को फैला रहा था। झारखंड से निकल कर दुनिया भर में धोनी की कलाईयों, उनकी शैली और ताकत की चर्चा हो रही थी। कहा जाता था कि धोनी एक दिन में 5-6 लीटर दूध पीते थे हालांकि कभी इसकी पुष्टि नहीं हुई लेकिन सनसनीखेज खबरों के दौर में धोनी की इस डाईट को लेकर खूब चर्चा हुई।
अब धोनी उम्रदराज हो चुके हैं। उनकी दाढ़ी में सफेद बालों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। बढ़ती उम्र के साथ धोनी ने अनुभव का रस भी खुद में घोल लिया है और अब वो दूध से शराब में बदल चुके हैं। ये बात धोनी ने खुद स्वीकारी, वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे वनडे में मुश्किल हालातों में 78 रन बनाकर टीम के सिर पर जीत का ताज पहनाने के बाद।
तब के धोनी और अब के धोनी में जमीन और आसमान का अंतर आ चुका है। अब धोनी क्रिकेट की जबरदस्त समझ रखते हैं वो अपने बैंगनी चश्मे के अंदर मैदान की वो चीजें देख लेते हैं जो कई बार अंपायर और कैमरों तक को नहीं दिखती। कई बार ऐसा लगता है कि धोनी अपने खेल को रिमोट से हैंडल करने की काबिलियत रखते हैं। मन चाहा तो धड़ाधड़ छक्के लगा दिए, मन किया तो टुक-टुक बल्लेबाजी करके सबको छका दिया।
क्रिकेट की दुनिया में सचिन तेंदुलकर के बाद महेंद्र सिंह धोनी ऐसे खिलाड़ी है जो बढ़ती उम्र के साथ अपने क्रिकेट में लगातार बदलाव कर रहे हैं। तेजी से खुद को किसी भी फॉर्मेट में ढालने की कला ने ही उन्हें इस ऊंचाई पर पहुंचाया है। बस दूध और शराब के इस बदलाव में विरोधियों के लिए एक बात अभी भी पहले जैसी है। धोनी उनके लिए पहले भी कड़वे और हानिकारक थे और आज भी है।