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वैसे तो क्रिकेट और वाइन का कोई कनेक्शन नहीं है लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे वन-डे में पुराने कैप्टन का नया बयान, इन दोनों के बीच कनेक्शन बना गया। दो मैचों के दरमियान धोनी की परफॉर्मेंस के ग्राफ ने 'रॉकस्टारी बयान' को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया।
वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे वनडे में धोनी की बल्लेबाजी अगर पुरानी वाइन की तरह थी तो चौथे वनडे में माही... महुआ की शराब की तरह लगे। तीसरे वनडे में धोनी ने टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचाया तो चौथे वनडे में बाउंड्री से पहले साथ छोड़ दिया। आखिरी 2 ओवर्स में टीम को 16 रनों की जरूरत थी। धोनी क्रीज पर मौजूद थे, उम्मीद थी कि मैच पर आसानी से कब्जा हो जाएगा लेकिन जीत मुंह काफी करीब तक आकर बेस्वाद कर गई और सारा मजा किरकिरा हो गया।
धोनी की ये पारी... 21वीं सदी में किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सबसे थका हुआ अर्द्धशतक निकला। उन्होंने 108 गेंदों में अपने 50 रन पूरे किए। ये बिल्कुल उस महंगी वाइन की तरह है जिसे रोज पीना महंगा भी है और मुनासिब भी नहीं।
हिंदुस्तानियों के लिए क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, भावनाएं भी है। जो जीत का जश्न भी मनाते हैं तो हार पर हाहाकार भी… अब जीत की मिठाई खाई है तो हार की कड़वाहट भी निगलनी पड़ेगी।