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याद किजिए, अपने स्कूल के दिनों को… शर्त लगाकर कह सकते हैं कि यादों में खुर्राट टीचरों की संख्या ज्यादा होगी। अगर बच्चों को इस तरीके से पढ़ाया जाए तो उनके जहन में तस्वीर ज्यादा दिनों तक रहेगी, ये तरीके भले ही फनी लगें, लेकिन हैं बहुत असरदार.... ज्यादातर लोगों को जॉनी-जॉनी यस पापा… वाली कविता आजतक इसलिए याद है क्योंकि इसके आखिर में कविता सुनाने वाला और सुनने वाला… दोनों ही मुंह फाड़कर… Ha Ha Ha… करते हैं…