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सड़क पर विकास अपनी गाड़ी तेजी से दौड़ा रहा था। तभी पीछे से आ रहे ब्लैक मनी ने उसे ओवरटेक कर लिया। विकास बार-बार आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा था लेकिन ब्लैकमनी उसकी कोशिशें लगातार नाकाम कर रहा था। मंजिल तक पहुंचने के लिए विकास का जुनून इतना बढ़ गया कि उसने बिना सोचे-समझे अपनी स्पीड और तेज कर दी। देखते ही देखते उसका संतुलन बिगड़ गया और बड़ा हादसा हो गया। ब्लैक मनी को तो मामूली खरोच आई पर घटना में विकास जख्मी हो गया। इस रोडरेज में सबसे बड़ा नुकसान श्रीमति इकॉनमी को हुआ जिसने अपने एक बेटे को खो दिया और दूसरा बेटा भी मौत के मुंह में पहुंच गया।
हादसे में '1000 रुपये' की ऑनस्पॉट मौत हो गई। वहीं उसके छोटे भाई '500 रुपये' को नाजुक हालत में बैंकों में भर्ती कराया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि उसकी फेस वैल्यू बुरी तरह बर्बाद हो चुकी है। चिकित्सकों के कहने पर उसके पिता श्री रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपने कलेजे के टुकड़े को जिंदा बचाने के लिए प्लास्टिक सर्जरी के लिए मान गए। ऑपरेशन सफल हुआ लेकिन '500 रुपये' को रिकवर करने में काफी वक्त लग गया।
मां 'इकॉनमी देवी 'का दर्द कम करने के लिए '2000 रुपये' को उसकी गोद में डाल दिया गया। वो उसकी परवरिश भी उतने ही प्यार से कर रही है जैसे '1000 रुपये' को पाला पोसा। लोग भी उसे बड़ा लाड-प्यार करते हैं, लेकिन अपने पास थोड़ी देर के लिए भी नहीं रखना चाहते।
पिता ने तो अपना दिल कड़ा करके खुद को काम में मशगूल कर रखा है। लेकिन मां के दिल में रह रहकर टीस उठती है। आज भी उसे अपने बेटे की मौत के न्याय का इंतजार है। वैसे तो इस रोडरेज की सुनवाई आज भी जारी है लेकिन गुनहगार आज भी आजाद परिंदे की तरह घूम रहा है। पता नहीं उसका अगला शिकार कौन होगा!