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भारतीय राजनीति में राहुल गांधी ने जो मुकाम हासिल किया है, उसके लिए उन्हें कुछ खास मेहनत नहीं करनी पड़ी। परिवार और पार्टी ने ढकेलकर उनको बीजेपी के सॉफ्ट टारगेट वाली जगह पर पहुंचा दिया। अब चुनाव में बीजेपी 'प्रचार' से ज्यादा 'इंतजार' करती है कि उनके मुख से दिव्यज्ञान के बोल फूटें और चुनाव लड़ने के लिए कुछ मसाला मिले। आज के लोकसभा भाषण में भी बीजेपी को ऐसी ही कुछ उम्मीद थी, लेकिन राहुल गांधी अब बदल गए हैं। पूरी तैयारी के साथ राहुल लोकसभा में पहुंचे थे। कई दिनों से वह लगातार बॉलीवुड की फिल्में देखकर खुद के अंदर सो रहे हीरो को जगाने की कोशिश कर रहे थे और काफी हद तक कामयाब भी रहे। देखिए उन्होंने कौन-कौन सी फिल्में देखी।
बॉलीवुड वालों के सिर पर इन दिनों फिल्म संजू का जादू चढ़कर बोल रहा है। तमाम रिव्यू पढ़ने और ट्रेलर देखने के बाद राहुल गांधी फिल्म संजू देखने पहुंचे। फिल्म देखने के बाद समझ में आया कि संजू बाबा के दिन उस दिन पलटे थे, जिस दिन उन्होंने गले लगने वाली परंपरा की शुरुआत करवाई। बस फिर क्या था, भाषण के आखिर में राहुल गांधी ने वहीं किया जो 'मुन्ना भाई' अपनी फिल्मों में किया करता था। पहले गुस्सा दिलाया और फिर जाकर गले लगाया।
गले मिलने तक तो सब ठीक था, राहुल गांधी ने सारी महफिल लूट ली थी। बीजेपी वाले भी राहुल के अंदर बड़े नेता होने के संस्कार देखने लगे थे लेकिन अपनी सीट तक जाते जाते वो खुद को रोक नहीं पाए। और धीरे से बाईं आंख दबा दी। लगता है उन्हें गोविंदा और रवीना टंडन वाली अंखियों से गोली मारे ज्यादा पसंद आई थी।
राहुल गांधी के भाषण से पहले शाहिद कपूर के भाई इशान और दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी की बेटी जाह्वी की फिल्म धड़क रिलीज हुई है। उनके भाषण से कुछ घंटों पहले ही धड़क फिल्म का प्रीमियर शो करवाया गया था। शायद वहीं देखने के बाद राहुल गांधी, पीएम मोदी की धड़कन सुनने के लिए उनसे गले मिलने गए थे।
यह लेख पूरी तरीके से कोल कल्पित है, इसका वास्तिवकता से कोई संबंध नहीं है। सिर्फ हास्य के उद्देश्य से इस लेख को लिखा गया है।