विस्तार
दिल्ली में इन दिनों आसमान बीड़ी पी रहा है, जिसका धुआं दिलवालों के आंख, मुंह, नाक और कान से होता हुआ फेफड़ों पर असर कर रहा है। शासन-प्रशासन जुटा है इस बात का पता लगाने के लिए आखिर आसमान ने बीड़ी खरीदी कहां से हैं? कुछ विद्वानों का कहना है कि दिल्ली का आसमान अपने आस पड़ोस के आसमानों से बीड़ी उधार लेकर पी रहा है। लोगों की जिंदगी का पता नहीं, लेकिन आसमान की इस हरकत से बच्चों के पाठ्यक्रम और दिल्ली के इलाकों में बड़ा फर्क आने वाला है।
अब तक बच्चों की किताबों में भारत में चार सीजन होते हैं- सर्दी, गर्मी, बसंत और बरसात। हो सकता है कि निकट भविष्य में बच्चों को पढ़ाया जाने लगे कि भारत में तो सीजन चार ही होते हैं, लेकिन दिल्ली में पांच होते हैं। पांचवा स्मॉग का।
स्कूलों में अब तक छुट्टियां भी कड़के की सर्दी और गर्मी में होती आई है, लेकिन इस बार स्मॉग की छुट्टियां भी हुईं। बड़ों ने भी इस धुएं की आड़ में खुद को छिपा लिया और दफ्तरों से छुट्टी मार ली। दो-तीन दिन के लिए स्मॉग देश की सबसे बड़ी समस्या और प्राइम टाइम मुद्दा भी बना। नेताओं ने भी इस मुद्दे पर गला फाड़ा। देखते ही देखते सोशल मीडिया पर स्मॉग छा गया। मुझे भी इस पर फिरकी लेने का मौका मिला।
अगर स्मॉग वाकई पाठ्यक्रम के सीजनों में एक पक्की जगह मुकर्रर करने में कामयाब हो गया तो दिल्ली के ये मशहूर इलाकों का भी नामकरण कुछ इस प्रकार होगा।
जैसे कि हॉज खास हो जाएगा- हेज खास
धौला कुआं होगा धुआं कुआं
चांदनी चौक से चांदनी चोक हो जाएगी
और लुटियंस दिल्ली से पॉल्यूटंस दिल्ली
कनॉट प्लेस हो जाएगा कफ प्लेस
पटपड़गंज हो जाएगा फेफड़ातंग
नामकरण की ये आइडिया सोशल मीडिया से लिया गया है। वैसे तो अब तक जिसको जो मौका मिला उसने स्मॉग पर ज्ञान बघारा है। अगर आप छूट गए हों तो हमारे कमेंट्स बॉक्स में आपका स्वागत है।