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'जनम जनम का साथ है हमारा तुम्हारा... हमारा तुम्हारा'... यह गाना सुनने में बहुत अच्छा लगता है। हिंदू शादी में अग्नि के 7 फेरे लेने का रिवाज है और इसका भी एक मतलब यह निकलता है कि पति-पत्नी 7 जन्मों के लिए एक दूसरे के साथ बंध जाते हैं। यह सब सुनने में तो बहुत अच्छा लगता है लेकिन सब जानते हैं कि ऐसा कुछ नहीं होता। कहीं न कहीं यह मान्यता पर भी निर्भर करता है लेकिन प्रैक्टिकली देखा जाए तो यह संभव नहीं है। लेकिन समस्तीपुर के रहने वाले एक व्यक्ति ने इन सब बातों को सीरियसली ले लिया।
हुआ यूं कि समस्तीपुर के बीरसिंहपुर गांव के रहने वाले शंकर को सांप ने काट लिया। जब उसे इस बात का पता चला तो वह समझ गया कि शायद अब वो बच नहीं सकेगा। इस पर उसने अपनी बीवी को काट लिया ताकि दोनों साथ में मर सकें।
इस घटना के बाद से हर कोई हैरान है। यह अपनी तरह का पहला मामला है जहां मरते समय किसी व्यक्ति ने चाहा कि उसका साथी भी स्वर्ग सिधार जाए। जब दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया तो शंकर की तो मृत्यु हो गई लेकिन उसकी पत्नी को बचा लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शंकर ने ऐसा इसलिए किया क्यों कि वह अपनी पत्नी से बेहद प्यार करता था। यह सिरफिरेपन का एक और उदाहरण है।
अब सवाल यह उठता है कि आप इसे प्यार मानेंगे या पागलपन? इसे पढ़ने के बाद आपको सती प्रथा की याद आ गई होगी। जैसे इस प्रथा में महिला को उसके पति की चिता में ही जिंदा जला दिया जाता था उसी तरह इस व्यक्ति ने भी सोचा। अपनी जान बचाने के लिए अस्पताल जाने के बजाय उसने पत्नी को काट कर उसके शरीर में जहर फैलाना बेहतर समझा।
अगर तुमको कुछ हो गया तो मैं जी नहीं पाउंगी/पाऊंगा वाला रायता बॉलीवुड ने फैलाया है। लेकिन वहीं बॉलीवुड में तो ऐसी फ़िल्में भी मौजूद हैं जहां हीरो हीरोइन को अपना दिल दे देता है। हालांकि यह भी बेहद नाटकीय है लेकिन यह सब सिर्फ फिल्मों में ही अच्छा लगता है। ऊपरवाला जाने कि शंकर ने ऐसा करते समय क्या सोचा होगा और क्यों उसकी पत्नी इस बात के लिए राजी हो गई?
कहीं न कहीं इसके पीछे यह मानसिकता काम करती है कि महिलाओं के जीवन में उनके पति के अलावा और कुछ नहीं होता। पति के जाने के बाद उसका अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है। यह घटना बताती है कि कैसे लोगों को शिक्षित और जागरुक करने में भारत अभी भी कितना पीछे है।