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मुस्कराइए आप गोंडा में हैं! गोंडा... यानी यूपी का सबसे गंदा शहर। आप सोच रहे होंगे कि भला इसमें मुस्कराने वाली बात क्या हो सकती है? दरअसल हम और आप मुस्करा ही तो रहे हैं, सरकारें मुस्करा रही हैं। गली-मुहल्लों, स्टेशनों, बस अड्डों आदि पर मूंगफली और केले के छिल्के पूरी बादशाहत के साथ उछालकर हम मुस्कराते ही तो हैं। भई हम क्यों न उछाले! हमारा देश, हमारा घर, हम जो चाहें करें, वैसे भी हम राजा हैं इस मुल्क के। प्रधानमंत्री खुद कहते हैं कि वे प्रधान सेवक हैं... और सफाई करना सेवक का काम!
वर्षों से सुनते आए हैं कि कीचड़ में कमल खिलता है। अब गली-रास्तों में कीचड़ रह जाए तो भई मुस्कराओ... और कूड़े के ढेरों की चिंता हम क्यों करें, वह तो नगर निगम वालों काम है, तो... एक बार फिर मुस्कराओ कि टेंशन हमारी नहीं है!
अरे भई सरकारें कहती हैं... काम बोलता है, शाइनिंग इंडिया, भारत बदल रहा है... 2022 तक न्यू इंडिया बनाएंगे...।
वैसे 2022 आने में अभी पांच साल हैं, लेकिन पांच वर्षों में 'काम बोलता है' दिख ही रहा है... तो भई मुस्कराओ आप यूपी में हैं।
एक बार सबसे गंदे शहरों की भी लिस्ट देखकर मुस्करा ही लो, अट्ठहास मार लो क्योंकि हमें तो इससे कुछ लेना देना है नहीं, हम राजा है... राजा का काम राजाबाबू वाला...!!
सबसे गंदे 10 शहरों की सूची में यूपी के पांच हैं । 434वें नंबर पर गोंडा, 433. भुसावल, 432. बाघा, 431. हरदोई, 430. कटिहार, 429. बहराइच, 428. मुक्तसर, 427. अबोहर, 426. शाहजहांपुर और 425. खुर्जा ।
10 सबसे साफ-सुथरे शहर
ये टॉप 10 शहर हैं - 1. इंदौर, 2. भोपाल, 3. विशाखापत्तनम, 4. सूरत, 5. मैसूर, 6. तिरूचनापल्ली, 7. एनडीएमसी, 8. नवी मुंबई, 9. तिरूपति और 10. वडोदरा। इनको तो मुस्कराने की जरूरत ही नहीं है।
दरअसल, मुस्कराने का मौका केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के 'स्वच्छ भारत मिशन' के तहत शहरी इलाकों में कराए गए कथित सबसे बड़े सरकारी सर्वे ने दिया है! इस सर्वे में यूपी का एक भी शहर टॉप 10 में जगह नहीं बना सका है।
सर्वे में 434 शहर शामिल किए गए। 37 लाख लोगों ने ऑनलाइन, सर्वे फॉर्म, मोबाइल ऐप जरिए राय रखी और 18 लाख लोगों की राय क्यूसीआई (क्वॉलिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया) नाम की संस्था ने ली।
अब चाहें अच्छे में मुस्कराओं या गंदे में मुस्कराओं... मुस्कराते रहना चाहिए... सुना है इससे सेहत अच्छी रहती है!