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क्या हॉकी के जादूगर को मिलेगा भारत रत्न?

Updated Wed, 07 Jun 2017 10:56 PM IST
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Sports Ministry writes to PMO, wants Bharat Ratna for Dhyan Chand
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खेल मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को चिट्ठी लिखकर हॉकी के दिवंगत जादूगर ध्यान चंद को भारत रत्न से सम्मानित करने की एक बार फिर सिफारिश की है। हॉकी के महानतम खिलाड़ियों में शुमार ध्यान चंद को मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजे जाने संबंधी ताजा कोशिशों की पुष्टि खुद खेल मंत्री विजय गोयल ने की है। 

गोयल ने कहा, ‘हां, हमने पत्र लिखकर ध्यान चंद को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान से नवाजने की सिफारिश पीएमओ से की है। अपने बेमिसाल कौशल से देश की सेवा करने वाले ध्यान चंद को भारत रत्न देना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।’ 

यह पहला अवसर नहीं है जब मंत्रालय ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की है। 2013 में भी खेल मंत्रालय ने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की अपेक्षा ध्यानचंद को ज्यादा तरजीह देते हुए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने सचिन को तरजीह दी। इस तरह क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सचिन भारत रत्न सम्मान पाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। 

गौरतलब है कि ध्यान चंद के बूते ही भारतीय हॉकी टीम तीन ओलंपिक खेलों (1928, 1932, 1936 ) के दौरान गोल्ड मेडल जीतने में सफल रही। यह पूछे जाने पर कि क्या 1979 में दिवंगत हुए ध्यानचंद को सचिन से पहले भारत रत्न मिलना चाहिए था? गोयल ने कहा, ‘ मैं इस बहस में नहीं पड़ना चाहता और महान खिलाड़ियों के बारे में टिप्पणी करना भी उचित नहीं होगा। इतना जरूर है कि ध्यान चंद की उपलब्धियों को आप किसी अवॉर्ड से नहीं आंक सकते, वह इससे परे हैं। फिलहाल हमने ध्यान चंद के नाम की सिफारिश कर दी है और अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री जी को लेना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को खेल की दुनिया का पावर हाउस बनाना चाहते हैं और यही वजह है कि उन्होंने खेलों पर बहुत ज्यादा जोर दिया है।’ 

गोयल के मुताबिक ध्यान चंद को भारत रत्न मिलने से न केवल भारतीय हॉकी के सम्मान में इजाफा होगा बल्कि अन्य खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा। 

पूर्व खिलाड़ियों का धरना भी नहीं आया काम

ध्यान चंद के बेटे अशोक कुमार और अन्य लोग ध्यान चंद को भारत रत्न से नवाजे जाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। पिछले साल टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अशोक कुमार, अजित पाल सिंह, जफर इकबाल और दिलिप टिर्की उन 100 पूर्व हॉकी खिलाड़ियों में शामिल थे जिन्होंने ध्यान चंद को भारत रत्न से नवाजे जाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए धरना तक दिया था। 

82 सांसदों की मांग पर भी नहीं पसीजी सरकार

केंद्र सरकार ने 2011 में 82 सांसदों की उस मांग को भी अनसुना कर दिया था जिसमें ध्यान चंद को भारत रत्न देने की मांग की गई थी। गौरतलब है कि ध्यानचंद के जन्म दिन 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। खेल दिवस पर ही राष्ट्रपति देश के शीर्ष खिलाड़ियों को विभिन्न अवार्डों से सम्मानित करते हैं।   

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