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पटाखे बैन हुए तो क्या हुआ, इस दीवाली पर इन तरीकों से करें धमाके

Updated Wed, 18 Oct 2017 07:03 PM IST
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Firecrackers Ban
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सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को लेकर जो फरमान सुनाया है उससे ये तो तय है कि इस बार की दीवाली पर धूम-धड़ाका कम ही सुनाई देगा। ऐसे में मोहल्लों और कॉलोनियों के उन रसूखदारों का मूड खराब है जो अपने पड़ोसियों पर दबदबा बनाने के लिए दे बम पर बम दागे रहते थे। ऐसे में हम आपके लिए पटाखों के कुछ देसी सब्सिट्यूट लेकर आए हैं, इनसे धुआं भी नहीं होगा और आवाज भी आएगी। सबसे बढ़िया बात ये है कि खर्चा न के बराबर होगा। 

घर में पड़ी तमाम पुरानी पन्नियों को इकट्ठा करें, आंगन में फैलाकर बैठ जाए… फिर मुंह से हवा भर कर तड़ातड़ फोड़ते जाएं… चाहें तो गुब्बारों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन उसको फुलाने के बाद आप खेलने में मशगूल भी हो सकते हैं।

जिसके घर में कंस्ट्रक्शन का काम हो रहा है समझ लें कि उसके लिए बढ़िया काम है।छत पर खड़े होकर बांस बल्लियों और लकड़ी के पटरों को नीचें फेंके, बस इस बात का ख्याल रखें कि नीचे से कोई गुजर न रहा हो। ऊंची छत से जब पटरियां और बल्लियां जमीन से टकराएंगी तो चटाई बजने का फील आएगा… बस लगेगा कि चटाई में मिर्ची बम की जगह… फुस फुस्सियां सुतली बम बांध दिया है। 

दीवाली के त्योहार में पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक प्रथा होती है। घर की महिलाएं, भोर में उठकर थाली पर बेलन पीटती हैं, ऐसा माना जाता है इस तरह से दीवाली के मौके पर घर मल्छिन को भगाया जाता है। कुछ इसी तरह से आप दीवाली की रात को भी शोर मचा सकते हैं, इसके लिए आपको टीन का बड़ा टुकड़ा लेना होगा और उस पर दनादन डंडे पीटने होंगे। दीवाली मने या मने लेकिन अगर किसी का मूड सरक गया तो आपके सिर पर कुछ जरूर फोड़ देगा। 

ये खुराफात तो बचपन में सबने की है, लेकिन अगर आपके पास माइक है तो इससे आप दीवाली पर भी आतंक मचा सकते हैं। करना कुछ नहीं, वो कड़कड़ाती हुई पन्नी निकालें जिसमें पुराने जमाने में मिठाई या साड़ी आया करती थी। उसे माइक के सामने रखें और मसल दें… फिर देखिए जो आवाज निकलेगी… अड़ोस-पड़ोस के घर से बाहर निकलकर गरियाएंगे।  

अच्छा आप अब सोच रहे होंगे कि ये सब करने से रौशनी कहां से आएगी, तो लीजिए रौशनी वाला खुराफाती आइडिया भी पेश है। जहां झालर लटकी है वहां से उसे सावधानी के साथ उठाएं, उस लड़ी को लेकर हवा में ऐसे घुमाएं जैसे मछुआरा, मछली पकड़ने के लिए जाल फेंकने से पहले घुमाता है। ठीक वैसा गोला बनेगा जैसा जलती हुई फुलझड़ी को गोल-गोल घुमाने से रौशनी वाला गोला बनेगा। 

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