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पाकिस्तान में 19 वर्षों के बाद जनसंख्या का सर्वेक्षण हो रहा है। सर्वेक्षण में लगे अधिकारियों के उस वक्त पसीने छूट गए जब 3 लोगों के बच्चों की गिनती हुई। तीन पिता के लगभग 100 बच्चे हैं। गजब की बात यह है कि अब भी ये लोग और बच्चे पैदा करने के लिए प्रयासरत हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दर्जनों बच्चों के इन पिताओं का सीधा कहना है कि अल्लाह उनका ख्याल रखेगा। जानकारों के मुताबिक जनवरी में आने वाली रिपोर्ट में पाकिस्तान की जनसंख्या करीब 20 करोड़ हो जाएगी जो 1998 में 13.5 करोड़ थी।
उत्तरी वजीरिस्तान के कबायली जिले के 70 वर्षीय मस्तान वजीर खान ने तीन शादियां कीं और 22 बच्चे पैदा किए। खान बर्तन बेचने का कारोबार करते हैं और यह बताते हुए फूले नहीं समाते हैं कि उनके नातियों की संख्या उनके बच्चों से ज्यादा है।
खान के खुद 15 भाई हैं, जिनमें एक भाई 57 वर्षीय गुलजार खान के तीन दर्जन यानी 36 बच्चे हैं। गुलजार कहते हैं कि इस्लाम में परिवार नियोजन निषेध है, अल्लाह ने दुनिया को बनाया, मैं उनके काम (प्राकृतिक प्रक्रिया) को क्यों रोकूं? गुलजार खान एक दलील यह भी है कि उनके बच्चों को क्रिकेट खेलने के लिए बाहर से दोस्त नहीं जुटाने पड़ेंगे।
क्वेटा के रहने वाले जान मुहम्मद के 38 बच्चे हैं और इन महाशय का लक्ष्य 100 बच्चे पैदा करने का है, इसके लिए यह चौथी बीवी की तलाश में हैं। फिलहाल इनकी बीवी ढूंढ़ने की तलाश जारी है, लेकिन कोई महिला इन्हें मिल नहीं रही है। जान मुहम्मद भी सीधा जवाब देते हैं, वह कहते हैं कि जितने मुसलमान पैदा होंगे, उनके दुश्मन उनसे डरेंगे, इसलिए मुसलमानों को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए।
अपनी बीवियों को बच्चा पैदा करने की फैक्ट्रियों में तब्दील करने वाले ये शख्स इतना भर ख्याल रखते हैं कि अपनी औरत के गर्भवती होने में 18 महीने का अंतर रखते हैं, ताकि उनकी सेहत बच्चा पैदा करने लायक हो जाए। महिलाएं अगर परिवार नियोजन की बात करती हैं तो उनके पति राजी नहीं होते है।
पाकिस्तान में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर काम कर रहे लोगों में भारी चिंता है, क्योंकि लोगों को परिवार नियोजन में भरोसा ही नहीं है और न ही लोग इसके लिए बनाए गए साधनों का इस्तेमाल करते हैं। करीब दो दशक में किए गए जनसंख्या सर्वेक्षण की यह बात चौंकाने वाली है कि कबीलाई इलाकों में ज्यादातर पिता 10 या उससे ज्यादा बच्चों के बाप हैं।