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नवाज शरीफ लाख कहें कि शी जिनपिंग से उनकी यारी है और इसी दोस्ती के रिश्ते की वजह से चीन पाकिस्तान का हिमायती है, लेकिन हिमायत की आड़ में पाक जमीं पर किस कदर चीन अपना अधिकार बढ़ाता जा रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। जानकार और मीडिया चीन-पाक आर्थिक गलियारे पर भी उंगलियां उठा चुके हैं। पाकिस्तान में चीन इस कदर दबदबा बना रहा है कि वहां इस्तेमाल होने वाला हर सामान उसका, सेना के हथियार उसके! पिछले दिनों खबर आई थी कि बैंक ऑफ चाइना की शाखाएं भी पाकिस्तान में खुलेंगी, अब खबर है कि चीन पाकिस्तान पर राज करने की तैयारी में है और चीन की उपनिवेशवादी नीति का हिस्सा है चीन पाक आर्थिक गलियारा। चार साल पहले चीन-पाक आर्थिक गलियारे की नींव पड़ने के बाद पाकिस्तान ने लगातार चीन के आगे ‘यस बॉस’ की भूमिका निभाई है।
इस बीच चीन ने 46 करोड़ डॉलर खर्च करके रेल, सड़क परिवहन और बिजली उत्पादन के साथ चीन ने पाक में खेती की जमीन भी तैयार कर ली है। अब वह जुलाई तक पाकिस्तान को ऐसी मेट्रो ट्रेन सौंपने जा रहा है जिसके डिब्बों पर पाक का राष्ट्रीय फूल और बादशाही मस्जिद का गुंबद अंकित होंगे। चीन की इस योजना के पीछे की मंशा पाक अखबार ‘डॉन’ ने प्रकाशित की।
चीन-पाक आर्थिक गलियारे पर सहमति जताने के बाद पाकिस्तान ने अपने देश के नागरिकों को भी संदेश दिया कि यह गलियारा पूरे मुल्क में विकास का खाका खींचेगा, जब इसके दस्तावेज लीक हुए और प्रसिद्ध पाक अखबार ‘डॉन’ ने उन्हें प्रकाशित किया तब जाकर लोगों को यह पता चला कि यह सब चीन की आर्थिक उपनिवेशवादी नीति का हिस्सा था।
फिलहाल इस परियोजना के तहत चीन के हुनान प्रांत में पाकिस्तान के लिए नई मेट्रो ट्रेन का निर्माण शुरू हो गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि इसमें पांच डिब्बे होंगे और इसे 25.58 किलोमीटर लंबी लाहौर मेट्रो के लिए तैयार किया जा रहा है। ऐसी 26 मेट्रो ट्रेनें जुलाई तक पाकिस्तान को सौंपी जाएंगी, जिन पर पाक की राष्ट्रीय पहचान भी अंकित होगी।
‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक चीन-पाक आर्थिक गलियारा (सीपेक) परियोजना के लिए चीन को हजारों एकड़ कृषि भूमि लीज पर दी गई है, जिस पर वह फाइबर-ऑप्टिक सिस्टम समेत कई प्रोजेक्ट स्थापित करेगा। खबर के मुताबिक इसके बाद पाकिस्तान चीन का आर्थिक उपनिवेश बन जाएगा और चीन की पाक अर्थव्यवस्था में गहरी पैठ हो जाएगी। पाक जमीन पर चीन भारी भरकम वेयर हाउस बनाएगा ताकि वहां उसका माल डंप किया जा सके। इसके अलावा चीन इस जमीन पर कई चीजें उगाएगा और पाकिस्तानी शहरों में सप्लाई करेगा।
पाकिस्तान में इंटरनेट को मजबूती देने के लिए चीन द्वारा बनाए जा रहे नेशनल फाइबर ऑप्टिक सिस्टम के बाद पाकिस्तान में चीनी मीडिया को टीवी चैनल्स चलाने की छूट भी मिल जाएगी। इन पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए चीनी संस्कृति को बढ़ावा दिया जाएगा। डॉन के मुताबिक चीन को जिस तरह धंधे की आजादी दी गई है ऐसा पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार होगा।
पाक मीडिया की आशंका
इस योजना के लीक होने से पहले पाकिस्तानी मीडिया में चीन के इरादे पर आशंका जताई गई थी। सीपीईसी और ग्वादर पोर्ट पर चल रहे चीन के प्रोजेक्ट में किस तरह से पाकिस्तानी लेबर से जबरन काम कराया जाता ऐसी खबरें भी कई बार सामने आ चुकी हैं। लेकिन सबूतों के अभाव में कोई चीन के खिलाफ खुलकर नहीं बोल पा रहा था।
यदि चीन किसी भी तरह पाकिस्तान को आर्थिक कॉलोनी बनाने में सफल हो जाता है तो इसका सबसे बड़ा असर भारत पर भी पड़ेगा। चूंकि भारत शुरू से ही चीन के खिलाफ रहा है इसलिए पाक संप्रभुता खत्म होने के बाद चीन पूर्वी इलाके पर अपना आधिपत्य जमाने के साथ-साथ भारत की पश्चिमी सीमा के भी नजदीक हो जाएगा और भारत पर दबाव डाल सकेगा।