Home Panchayat Ukraine S Organization Arrange Army Training Camp For Kids Criticized Worldwide

कौन कहता है युद्ध लड़ना बच्चों का खेल नहीं.. यहां नन्हें-मुन्नों को दी जा रही है ट्रेनिंग!

Updated Tue, 08 Aug 2017 02:11 PM IST
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Ukraine’s organization arrange army training camp for kids. Criticized worldwide
- फोटो : Dainik Bhaskar
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युद्ध का नाम सुनते ही कानों में बमबारी की आवाजें गूंजने लगती हैं, आंखों के सामने धुंआ-धुआं तैर रहा होता है। बड़े-बड़े बलशाली लोग, खतरनाक बंदूकों और हथिारों को कंधे पर लिए निशाना लगा रहे हैं… ऐसे ही कुछ कल्पनाएं दिमाग में तैरने लगती हैं। अब इस हेडलाइन को पढ़ने के बाद युद्ध के मैदान में थोड़ा सा बचपना एडजस्ट कर दीजिए… 

अब बच्चों के साथ आपकी कल्पना कुछ ऐसी हो जाएगी। युद्ध के दौरान, कोई छोटू सैनिक भूख से रोने लगे, किसी बच्चे को सु-सु आ जाए। कोई बच्चा इसलिए रोने लगे कि पड़ोस वाले बच्चे को ज्यादा अच्छी बंदूक मिली है। उसकी ड्रेस ज्यादा सुंदर लग रही है। ये क्यूट लगने वाली इमेजिनेशन... एक देश में वास्तविकता के पंख पसारे, पूरी दुनिया के सामने उड़ान भर रही है।  

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन में 9-13 साल के बच्चों को सेना की ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्हे अनुशासन और देश के लिए भक्ति के साथ साथ बंदूक चलाना, हमले के दौरान कैसे बचा जाए, क्या खाया जाए जैसी चीजें भी सिखाई जा रही है। पिछले दिनों यूक्रेन के स्वंय सेवी संस्थान अजोब ने ये आर्मी कैंप लगाए, जहां 850 बच्चों ने हिस्सा लिया। 

बच्चों से आर्मी के अनुशासन के नाम पर हाथ से खिलौने छीनकर बंदूकें थमा दी गई हैं। उनके खेलने की उम्र में देशभक्ति का पाठ पढ़ाया जा रहा है। वहां की जनता इस तरह के कैंप का विरोध जता रही है, उनका कहना है कि जिस बच्चों के साथ इस तरह का बर्ताव उन्हें रास्ते से भटका सकता है और वो हिंसक हो सकते हैं। 

इस तरह के खतरनाक समर कैंप लगाने वाले संस्थान, अजोव का कहना है कि जब देश पर युद्ध का खतरा मंडरा रहा हो तो बच्चों को शांति का पाठ नहीं पढ़ाया जा सकता है। उनका मानना है कि रुस ने एक प्रायदीप पर कब्जा कर रखा है और हमे हर वक्त युद्ध के लिए तैयार रहना होगा।

दरअसल यूक्रेन और रुस के बीच क्रीमिया को लेकर विवाद है। क्रीमिया, यूक्रेन का हिस्सा है लेकिन 3 साल पहले रुस के समर्थकों ने क्रीमिया के सरकारी भवनों और संसद पर कब्जा कर लिया था। जिसे हटाने के लिए यूक्रेन के सुरक्षाबल आए तो रुस की आर्मी उनका बचाव करने के लिए आ गई। तभी से दोनों देशों के बीच जबरदस्त टेंशन चल रहा है। पिछले 3 सालों की झड़पों में यूक्रेन के 10 हजार से ज्यादा सैनिक और नागरिक मारे जा चुके हैं।   

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